UP Weather AQI Today: धीरे-धीरे बढ़ती ठंड के बीच दिवाली से ठीक पहले मेरठ में हवा दमघोंटू हो गई है। वहीं कानपुर में धूल, धुआं और धुंध ने रोशनी की राह रोक दी है। इस बीच मौसम विज्ञानियों का कहना है कि उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं ना केवल प्रदूषण का स्तर गिराएंगी बल्कि तापमान को भी गिराएंगी। सोमवार से ही गिरावट शुरू हो गई। सोमवार केा मेरठ में दिन का तापमान 30.5 व रात का 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रविवार की रात नवंबर के पहले हफ्ते में सबसे ठंडी रही।
मंगलवार की सुबह 9 बजे मेरठ के जयभीमनगर का एक्यूआई 348 दर्ज हुआ जो बहुत खराब श्रेणी में हैं। रात नौ बजे मेरठ में जयभीम नगर सबसे प्रदूषित रहा। यहां एक्यूआई 364 दर्ज हुई जबकि पीएम-10 एवं पीएम-2.5 के स्तर क्रमश 469 और 396 दर्ज हुआ। हवा की गति में बढ़ोतरी से प्रदूषण में आज से कमी के आसार हैं। उधर, ताजनगरी में धुंध ने डेरा जमा लिया है। हवा में सिर्फ धूल, धुआं ही नहीं, खतरनाक गैसें भी घुल गई हैं। इसका सबसे बड़ा खतरा बुजुर्ग और बीमारों पर मंडराने लगा है। उनकी दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। आने वाले दिनों में हवाएं और खतरनाक साबित होंगी।
सूक्ष्म कण, धूल कण, कार्बन, सल्फर, नाइट्रोजन और ओजोन का औसत और अधिकतम स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ नमी के कारण होने वाली धुंध में खतरनाक गैसें शामिल हो गई हैं। यही कारण है कि तड़के और देर रात धुंध छाई हुई है। खुले स्थानों और हाइवे पर इसका अधिक असर है। जबकि रिहायशी इलाकों की हवाएं अत्याधिक बिगड़ गई हैं। जहरीली गैसों के गुबार सतह पर छाए हुए हैं। यह आंखों में जलन पैदा करने लगे हैं। करकराहट और कीचड़ आने की शिकायतें भी बढ़ गई हैं। सांस नली से गैसें शरीर के अंदर जा रही हैं। इस कारण लगातार खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। बुजुर्ग और बीमारों पर संकट बढ़ गया है। इनकी सेहत खराब होने लगी है। सबसे ज्यादा परेशानी टीबी और सांस संबंधी रोगों के मरीजों की बढ़ी है।
एनजीटी में पहुंचा आगरा की बिगड़ी आबोहवा का मामला
आगरा की बिगड़ती हवा और जल प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर की गई है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य रमन भल्ला की ओर से दायर की गई है। एनजीटी ने याचिका स्वीकार करते हुए 10 नवंबर को सुनवाई की तारीख नियत की है।
सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य रमन भल्ला का कहना है कि शुद्ध वायु और पानी नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन सरकार और शासन आम नागरिक के इस मौलिक अधिकार की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। जिला वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। यमुना में जल प्रदूषण का हाल किसी से छुपा नहीं है। करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी हालात में सुधार नहीं हो रहा है।
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को अभी तक शहर में बांध नहीं बनाया जा सका है। इसी को ध्यान में रखते हुए याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि एनटीजी ने याचिका स्वीकार कर ली है और 10 नवंबर को सुनवाई होगी। उन्होंने बताया कि याचिका में उन उपायों का भी उल्लेख है जिनसे समस्या का काफी हद तक समाधान किया जा सकता है।
बचना है तो मास्क लगाएं
प्रमुख छह स्थानों का एक्यूआई 200 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब से ज्यादा है। जबकि गैसों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 300 के आसपास चल रहा है। कई स्थानों पर यह 300 को पार कर गया है, इसलिए ऐसे सभी इलाके माडरेट जोन से निकलकर पुअर जोन में आ गए हैं। इन स्थानों पर दोपहर में भी धुंध साफ दिखाई देती है। खुले में निकलने पर आंखों में जलन का कारण भी खराब हवाएं हैं।
प्रयागराज में सिविल लाइंस सबसे अधिक प्रदूषित
प्रयागराज में भी प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदूषण में बढ़ोतरी जारी रही तो शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से अधिक हो जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर में लगाए गए इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड और ऑनलाइन जारी हो रहे आंकड़ों के मुताबिक प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रतापगढ़, वाराणसी और कानपुर से अधिक हो गया है।
रात 9.05 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डिस्प्ले बोर्ड पर प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स 192 दर्शा रहा था। वहीं वाराणसी का एक्यूआई 102, प्रतापगढ़ में 186 तथा कानपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 165 था। प्रयागराज की आबोहवा में पतले धूल के कणों का वर्चस्व बढ़ रहा है। शहर में सबसे खराब स्थिति सिविल लाइंस की हो गई है। इस क्षेत्र में पीएम-2.5 की मात्रा 338 तक पहुंच गई है।
पीएम-10 (मोटे धूल के कण) भी 250 के करीब है। शाम से पहले शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 180 के आसपास था। सूर्यास्त के बाद एक्यूआई में बढ़ोतरी शुरू हुई। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि प्रयागराज की स्थिति दिल्ली और एनसीआर के शहरों की तरह गंभीर नहीं है। तापमान गिर रहा है। मौसम में नमी बढ़ी है। धूल के कण ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। इसी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा दिखाई पड़ रहा है।
कानपुर में कम नहीं हो रहा धूल और धुआं
वहीं तमाम कोशिशों के बाद भी कानपुर में धूल-धुएं की चादर कम होते नहीं दिख रही है। धुंध के चलते शाम जैसी सुबह दिख रही है। जबकि अभी न तो हवा की रफ्तार बढ़ी है और न ही हवा की दिशा ही बदली है। खतरनाक गैसों की मात्रा भी बढ़ने लगी है। बुजुर्ग और बीमारों की यह सांसें फुला रही है। आंखों में जलन, लाली और खांसी की शिकायत बढ़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के अनुसार शहर का ओवरऑल एक्यूआई 178 रहा जो सामान्य से तीन गुना अधिक है। नेहरू नगर सेंटर पर सोमवार को अधिकतम एक्यूआई 288 पहुंच गया। 300 से ऊपर रेड अलर्ट होता है।
नेहरू नगर की सुबह दिखी शाम जैसी
ब्रह्मनगर चौराहे पर नेहरू नगर के सीपीसीबी का सेंटर है। यहां सुबह के वक्त अधिक धुंध रही। यहां रात 00.00 (12 बजे) बजे एक्यूआई 288, 01 बजे 285, 03 बजे 284, पांच बजे 262 और चार बजे 254 रहा। यह औरेंज जोन में रहा जहां से यह रेड जोन में जा सकती था। सामान्य दिनों में यहां दोपहर बाद धुंध बढ़ रही थी लेकिन सोमवार को सुबह अधिक रही।
यह न करें
डीजल, पेट्रोल वाले वाहनों का बिना जरूरत उपयोग न करें
मॉर्निंग वॉक से परहेज करें, बीमार व बुजुर्ग बाहर न निकलें
कूड़ा न जलाएं, कोयला या लकड़ी आदि जलाने से परहेज करें
भवन का निर्माण कर रहे हैं तो भवन सामग्री ढकें
यह करें
व्यायाम करने से बचें, मास्क लगाकर घरों से बाहर निकलें
खाने में विटामिन सी, ओमेगा थ्री वाले फलों का सेवन करें
यदि संभव हो तो घर से काम करें, बेवजह बाहर न घूमें
सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अधिक उपयोग करें
यहां देखें रविवार को सुबह नौ बजे क्या रहा आपके शहर का एक्यूआई-
शहर | स्थान | AQI | हवा कैसी है |
आगरा | मनोहरपुर | 139 | अच्छी नहीं है |
रोहता | 200 | खराब है | |
संजय पैलेस | डाटा नहीं है | ||
आवास विकास कॉलोनी | 112 | अच्छी नहीं है | |
शाहजहां गार्डेन | 131 | अच्छी नहीं है | |
शास्त्रीपुरम | 146 | अच्छी नहीं है | |
बागपत | कलेक्टर ऑफिस | डाटा नहीं है | |
सरदार पटेल इंटर कॉलेज | 250 | खराब है | |
बरेली | सिविल लाइंस | 157 | अच्छी नहीं है |
राजेंद्र नगर | 141 | अच्छी नहीं है | |
बुलंदशहर | यमुनापुरम | 175 | |
फिरोजाबाद | नगला भाऊ | 147 | अच्छी नहीं है |
विभब नगर | 207 | खराब है | |
गाजियाबाद | इंदिरापुरम | 281 | खराब है |
लोनी | 356 | बहुत खराब है | |
संजय नगर | 345 | बहुत खराब है | |
वसुंधरा | 370 | बहुत खराब है | |
गोरखपुर | मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय | 235 | खराब है |
ग्रेटर नोएडा | नॉलेज पार्क 3 | 441 | खतरनाक है |
नॉलेज पार्क 5 | 441 | खतरनाक है | |
हापुड़ | आनंद विहार | 274 | खराब है |
झांसी | शिवाजी नगर | 208 | खराब है |
कानपुर | किदवई नगर | 161 | अच्छी नहीं है |
आईआईटी | डाटा नहीं है | ||
कल्याणपुर | 154 | अच्छी नहीं है | |
नेहरू नगर | डाटा नहीं है | ||
खुर्जा | कालिंदी कुंज | 101 | अच्छी नहीं है |
लखनऊ | आंबेडकर यूनिवर्सिटी | 169 | अच्छी नहीं है |
सेंट्रल स्कूल | 187 | अच्छी नहीं है | |
गोमती नगर | 186 | खराब है | |
कुकरैल | 214 | खराब है | |
लालबाग | 331 | बहुत खराब है | |
तालकटोरा | 362 | बहुत खराब है | |
मेरठ | गंगा नगर | 309 | बहुत खराब है |
जय भीम नगर | 348 | बहुत खराब है | |
पल्लवपुरम | 342 | बहुत खराब है | |
मुरादाबाद | बुद्धि विहार | 197 | अच्छी नहीं है |
इको हर्बल पार्क | डाटा नहीं है | ||
रोजगार कार्यालय | 171 | अच्छी नहीं है | |
जिगर कॉलोनी | 148 | अच्छी नहीं है | |
कांशीराम नगर | 195 | अच्छी नहीं है | |
लाजपत नगर | डाटा नहीं है | ||
ट्रांसपोर्ट नगर | 123 | अच्छी नहीं है | |
मुजफ्फरनगर | नई मंडी | 230 | खराब है |
नोएडा | सेक्टर 125 | 321 | बहुत खराब है |
सेक्टर 62 | 378 | बहुत खराब है | |
सेक्टर 1 | 343 | बहुत खराब है | |
सेक्टर 116 | 348 | बहुत खराब है | |
प्रयागराज | झूंसी | 178 | अच्छी नहीं है |
मोतीलाल नेहरू एनआईटी | 248 | खराब है | |
नगर निगम | 244 | खराब है | |
वाराणसी | अर्दली बाजार | 86 | ठीक है |
भेलपुर | डाटा नहीं है | ||
बीएचयू | 95 | ठीक है | |
मलदहिया | 101 | अच्छी नहीं है | |
वृंदावन | ओमेक्स इटर्निटी | 205 | खराब है |
नोट- AQI के | किस रेंज का आपके लिए क्या मतलब है | नीचे का टेबल | चेक कर लें |
AQI का रेंज | हवा का हाल | स्वास्थ्य पर संभावित असर |
0-50 | अच्छी है | बहुत कम असर |
51-100 | ठीक है | संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत |
101-200 | अच्छी नहीं है | फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत |
201-300 | खराब है | लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत |
301-400 | बहुत खराब है | लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा |
401-500 | खतरनाक है | स्वस्थ आदमी पर भी असर, पहले से बीमार हैं तो ज्यादा खतरा |