Tuesday, April 22, 2025
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UP Weather AQI Today: मेरठ में दमघोंटू हुई हवा, कानपुर में धूल-धुआं-धुंध ने रोकी रोशनी; जानें अपने शहर का हाल


UP Weather AQI Today: धीरे-धीरे बढ़ती ठंड के बीच दिवाली से ठीक पहले मेरठ में हवा दमघोंटू हो गई है। वहीं कानपुर में धूल, धुआं और धुंध ने रोशनी की राह रोक दी है। इस बीच मौसम विज्ञानियों का कहना है कि उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं ना केवल प्रदूषण का स्तर गिराएंगी बल्कि तापमान को भी गिराएंगी। सोमवार से ही गिरावट शुरू हो गई। सोमवार केा मेरठ में दिन का तापमान 30.5 व रात का 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रविवार की रात नवंबर के पहले हफ्ते में सबसे ठंडी रही।

मंगलवार की सुबह 9 बजे मेरठ के जयभीमनगर का एक्यूआई 348 दर्ज हुआ जो बहुत खराब श्रेणी में हैं। रात नौ बजे मेरठ में जयभीम नगर सबसे प्रदूषित रहा। यहां एक्यूआई 364 दर्ज हुई जबकि पीएम-10 एवं पीएम-2.5 के स्तर क्रमश 469 और 396 दर्ज हुआ। हवा की गति में बढ़ोतरी से प्रदूषण में आज से कमी के आसार हैं। उधर, ताजनगरी में धुंध ने डेरा जमा लिया है। हवा में सिर्फ धूल, धुआं ही नहीं, खतरनाक गैसें भी घुल गई हैं। इसका सबसे बड़ा खतरा बुजुर्ग और बीमारों पर मंडराने लगा है। उनकी दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। आने वाले दिनों में हवाएं और खतरनाक साबित होंगी।

सूक्ष्म कण, धूल कण, कार्बन, सल्फर, नाइट्रोजन और ओजोन का औसत और अधिकतम स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ नमी के कारण होने वाली धुंध में खतरनाक गैसें शामिल हो गई हैं। यही कारण है कि तड़के और देर रात धुंध छाई हुई है। खुले स्थानों और हाइवे पर इसका अधिक असर है। जबकि रिहायशी इलाकों की हवाएं अत्याधिक बिगड़ गई हैं। जहरीली गैसों के गुबार सतह पर छाए हुए हैं। यह आंखों में जलन पैदा करने लगे हैं। करकराहट और कीचड़ आने की शिकायतें भी बढ़ गई हैं। सांस नली से गैसें शरीर के अंदर जा रही हैं। इस कारण लगातार खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। बुजुर्ग और बीमारों पर संकट बढ़ गया है। इनकी सेहत खराब होने लगी है। सबसे ज्यादा परेशानी टीबी और सांस संबंधी रोगों के मरीजों की बढ़ी है।

एनजीटी में पहुंचा आगरा की बिगड़ी आबोहवा का मामला

आगरा की बिगड़ती हवा और जल प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर की गई है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य रमन भल्ला की ओर से दायर की गई है। एनजीटी ने याचिका स्वीकार करते हुए 10 नवंबर को सुनवाई की तारीख नियत की है।

सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य रमन भल्ला का कहना है कि शुद्ध वायु और पानी नागरिक का मौलिक अधिकार है, लेकिन सरकार और शासन आम नागरिक के इस मौलिक अधिकार की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। जिला वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। यमुना में जल प्रदूषण का हाल किसी से छुपा नहीं है। करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी हालात में सुधार नहीं हो रहा है।

शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को अभी तक शहर में बांध नहीं बनाया जा सका है। इसी को ध्यान में रखते हुए याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि एनटीजी ने याचिका स्वीकार कर ली है और 10 नवंबर को सुनवाई होगी। उन्होंने बताया कि याचिका में उन उपायों का भी उल्लेख है जिनसे समस्या का काफी हद तक समाधान किया जा सकता है।

बचना है तो मास्क लगाएं

प्रमुख छह स्थानों का एक्यूआई 200 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब से ज्यादा है। जबकि गैसों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 300 के आसपास चल रहा है। कई स्थानों पर यह 300 को पार कर गया है, इसलिए ऐसे सभी इलाके माडरेट जोन से निकलकर पुअर जोन में आ गए हैं। इन स्थानों पर दोपहर में भी धुंध साफ दिखाई देती है। खुले में निकलने पर आंखों में जलन का कारण भी खराब हवाएं हैं।

प्रयागराज में सिविल लाइंस सबसे अधिक प्रदूषित

प्रयागराज में भी प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदूषण में बढ़ोतरी जारी रही तो शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से अधिक हो जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर में लगाए गए इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड और ऑनलाइन जारी हो रहे आंकड़ों के मुताबिक प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रतापगढ़, वाराणसी और कानपुर से अधिक हो गया है।

रात 9.05 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डिस्प्ले बोर्ड पर प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स 192 दर्शा रहा था। वहीं वाराणसी का एक्यूआई 102, प्रतापगढ़ में 186 तथा कानपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 165 था। प्रयागराज की आबोहवा में पतले धूल के कणों का वर्चस्व बढ़ रहा है। शहर में सबसे खराब स्थिति सिविल लाइंस की हो गई है। इस क्षेत्र में पीएम-2.5 की मात्रा 338 तक पहुंच गई है।

पीएम-10 (मोटे धूल के कण) भी 250 के करीब है। शाम से पहले शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 180 के आसपास था। सूर्यास्त के बाद एक्यूआई में बढ़ोतरी शुरू हुई। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि प्रयागराज की स्थिति दिल्ली और एनसीआर के शहरों की तरह गंभीर नहीं है। तापमान गिर रहा है। मौसम में नमी बढ़ी है। धूल के कण ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। इसी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा दिखाई पड़ रहा है।

कानपुर में कम नहीं हो रहा धूल और धुआं

वहीं तमाम कोशिशों के बाद भी कानपुर में धूल-धुएं की चादर कम होते नहीं दिख रही है। धुंध के चलते शाम जैसी सुबह दिख रही है। जबकि अभी न तो हवा की रफ्तार बढ़ी है और न ही हवा की दिशा ही बदली है। खतरनाक गैसों की मात्रा भी बढ़ने लगी है। बुजुर्ग और बीमारों की यह सांसें फुला रही है। आंखों में जलन, लाली और खांसी की शिकायत बढ़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के अनुसार शहर का ओवरऑल एक्यूआई 178 रहा जो सामान्य से तीन गुना अधिक है। नेहरू नगर सेंटर पर सोमवार को अधिकतम एक्यूआई 288 पहुंच गया। 300 से ऊपर रेड अलर्ट होता है।

नेहरू नगर की सुबह दिखी शाम जैसी

ब्रह्मनगर चौराहे पर नेहरू नगर के सीपीसीबी का सेंटर है। यहां सुबह के वक्त अधिक धुंध रही। यहां रात 00.00 (12 बजे) बजे एक्यूआई 288, 01 बजे 285, 03 बजे 284, पांच बजे 262 और चार बजे 254 रहा। यह औरेंज जोन में रहा जहां से यह रेड जोन में जा सकती था। सामान्य दिनों में यहां दोपहर बाद धुंध बढ़ रही थी लेकिन सोमवार को सुबह अधिक रही।

यह न करें

डीजल, पेट्रोल वाले वाहनों का बिना जरूरत उपयोग न करें

मॉर्निंग वॉक से परहेज करें, बीमार व बुजुर्ग बाहर न निकलें

कूड़ा न जलाएं, कोयला या लकड़ी आदि जलाने से परहेज करें

भवन का निर्माण कर रहे हैं तो भवन सामग्री ढकें

यह करें

व्यायाम करने से बचें, मास्क लगाकर घरों से बाहर निकलें

खाने में विटामिन सी, ओमेगा थ्री वाले फलों का सेवन करें

यदि संभव हो तो घर से काम करें, बेवजह बाहर न घूमें

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अधिक उपयोग करें

यहां देखें रविवार को सुबह नौ बजे क्‍या रहा आपके शहर का एक्‍यूआई-





























































शहर स्थान AQI हवा कैसी है
आगरा मनोहरपुर 139 अच्‍छी नहीं है
  रोहता 200 खराब है
  संजय पैलेस डाटा नहीं है  
  आवास विकास कॉलोनी 112 अच्छी नहीं है
  शाहजहां गार्डेन 131 अच्छी नहीं है
  शास्त्रीपुरम 146 अच्छी नहीं है
बागपत कलेक्टर ऑफिस डाटा नहीं है  
  सरदार पटेल इंटर कॉलेज 250 खराब है
बरेली सिविल लाइंस 157 अच्छी नहीं है
  राजेंद्र नगर 141 अच्छी नहीं है
बुलंदशहर यमुनापुरम 175
फिरोजाबाद नगला भाऊ 147 अच्‍छी नहीं है
  विभब नगर 207 खराब है
गाजियाबाद इंदिरापुरम 281 खराब है
  लोनी 356 बहुत खराब है
  संजय नगर 345 बहुत खराब है
  वसुंधरा 370 बहुत खराब है
गोरखपुर मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय 235 खराब है
ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क 3 441 खतरनाक है
  नॉलेज पार्क 5 441 खतरनाक है
हापुड़ आनंद विहार 274 खराब है
झांसी शिवाजी नगर 208 खराब है
कानपुर किदवई नगर 161 अच्‍छी नहीं है
  आईआईटी डाटा नहीं है   
  कल्याणपुर 154 अच्‍छी नहीं है
  नेहरू नगर डाटा नहीं है  
खुर्जा कालिंदी कुंज 101 अच्‍छी नहीं है
लखनऊ आंबेडकर यूनिवर्सिटी 169 अच्‍छी नहीं है
  सेंट्रल स्कूल 187 अच्‍छी नहीं है
  गोमती नगर 186 खराब है
  कुकरैल 214 खराब है
  लालबाग 331 बहुत खराब है
  तालकटोरा 362 बहुत खराब है
मेरठ गंगा नगर 309 बहुत खराब है
  जय भीम नगर 348 बहुत खराब है
  पल्लवपुरम 342 बहुत खराब है
मुरादाबाद बुद्धि विहार 197 अच्‍छी नहीं है
  इको हर्बल पार्क डाटा नहीं है   
  रोजगार कार्यालय 171 अच्‍छी नहीं है
  जिगर कॉलोनी 148 अच्‍छी नहीं है
  कांशीराम नगर 195 अच्छी नहीं है
  लाजपत नगर डाटा नहीं है  
  ट्रांसपोर्ट नगर 123 अच्‍छी नहीं है
मुजफ्फरनगर नई मंडी 230 खराब है
नोएडा सेक्टर 125 321 बहुत खराब है
  सेक्टर 62 378 बहुत खराब है
  सेक्टर 1 343 बहुत खराब है
  सेक्टर 116 348 बहुत खराब है
प्रयागराज झूंसी 178 अच्‍छी नहीं है
  मोतीलाल नेहरू एनआईटी 248  खराब है
  नगर निगम 244 खराब है
वाराणसी अर्दली बाजार 86 ठीक है
  भेलपुर डाटा नहीं है  
  बीएचयू 95 ठीक है
  मलदहिया 101 अच्‍छी नहीं है
वृंदावन ओमेक्स इटर्निटी 205 खराब है
नोट- AQI के किस रेंज का आपके लिए क्या मतलब है नीचे का टेबल चेक कर लें










AQI का रेंज हवा का हाल स्वास्थ्य पर संभावित असर 
0-50 अच्छी है बहुत कम असर
51-100 ठीक है संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत
101-200 अच्छी नहीं है फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत
201-300 खराब है लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत
301-400 बहुत खराब है लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा
401-500 खतरनाक है स्वस्थ आदमी पर भी असर, पहले से बीमार हैं तो ज्यादा खतरा  



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