Thursday, November 21, 2024
Google search engine
HomeEducation & JobsUPMSP UP Board Exam Center यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्र निर्धारण में जमकर...

UPMSP UP Board Exam Center यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्र निर्धारण में जमकर हुआ खेल, एडेड छोड़ निजी कॉलेजों परीक्षा केंद्र


ऐप पर पढ़ें

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के केंद्र निर्धारण में जमकर मनमानी की गई है। सात सितंबर को जारी की गई केंद्र निर्धारण नीति में यह प्रावधान दिया गया था कि सबसे पहले राजकीय विद्यालयों और उसके बाद अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को सेंटर बनाया जाएगा। सबसे अंत में आवश्यकता होने पर वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों को उनकी मेरिट गुणांक के अनुसार केंद्र बनाया जाएगा। इसके उलट प्रयागराज के शहरी क्षेत्र में ही बड़े और प्रतिष्ठित एडेड कॉलेजों को छोड़कर धड़ल्ले से निजी स्कूलों को केंद्र बना दिया गया, जैसा की पूर्व के वर्षों में भी होता था। स्पष्ट है कि नई नीति बनाने का कोई फायदा नहीं हुआ।

शहर के जिन बड़े एडेड कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया उनमें क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज, सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, केपी जायसवाल, जमुना क्रिश्चियन, इलाहाबाद इंटर कॉलेज, कर्नलगंज इंटर कॉलेज, डीपी गर्ल्स, एंग्लो बंगाली, किदवाई मेमोरियल विद्यावती दरबारी, ईश्वर शरण गर्ल्स कॉलेज, प्रयाग महिला विद्यापीठ और राधा रमण इंटर कॉलेज दारागंज आदि का नाम शामिल है।

इन स्कूलों की बजाय कई निजी स्कूलों को केंद्र बना दिया गया। खासतौर से नकल के लिए बदनाम नैनी क्षेत्र के कुछ स्कूल भी सेंटर बनने में कामयाब हो गए हैं।

यूपी बोर्ड से जो परीक्षा केंद्र बनाए गए थे उनमें राजकीय इंटर कॉलेज का ही नाम नहीं था। उसे बाद में हमने केंद्र बनाया है। चूंकि शहर में कई एडेड कॉलेज हैं इसलिए उनमें से कुछ छूट गए हैं।

पीएन सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक

जिलों में मनमानी, राजकीय-एडेड का सेंटर काटा

यूपी बोर्ड ने सॉफ्टवेयर की मदद से जो केंद्र निर्धारण किया था उसमें राजकीय और एडेड कॉलेजों को प्राथमिकता दी गई थी। कुल 7864 संभावित केंद्रों की सूची में 1017 राजकीय, 3537 एडेड और 3310 निजी स्कूलों को केंद्र प्रस्तावित किया था। सूत्रों के अनुसार बाद में जिलों में खेल हो गया और बोर्ड से निर्धारित कई राजकीय और एडेड कॉलेजों को हटाकर प्राइवेट स्कूलों को केंद्र बना दिया गया है। दरअसल, राजकीय और एडेड कॉलेजों को केंद्र बनाने का उद्देश्य यह होता है कि वहां के प्रिंसिपल-शिक्षक सीधे राजकीय सेवा से जुड़े रहते हैं और वहां अनियमितता की गुंजाइश कम रहती है। जबकि निजी स्कूलों में केंद्र बनने की होड़ रहती है।

 



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments