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यूपी पीसीएस 2022 के अंतिम परिणाम में योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण 19 पद खाली रह गए। एक बार फिर सवाल उठ रहा है कि जिस परीक्षा के लिए छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया हो, उसमें 19 पद (राज्य संपत्ति विभाग में व्यवस्थाधिकारी के एक, व्यवस्थापक के 16 और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में रसायनज्ञ के दो पद) कैसे खाली रह गए।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि सूबे की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में पद खाली रह गए हों। पीसीएस 2021 में 678 पदों के सापेक्ष 627 अभ्यर्थी अंतिम रूप से सफल हुए थे और योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण श्रम प्रवर्तन अधिकारी के दो और प्रधानाचार्य के 49 कुल 51 पद खाली रह गए थे। पीसीएस 2020 में 487 पदों के सापेक्ष 476 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन हुआ था और बाल विकास परियोजना अधिकारी की 11 रिक्तियां योग्य अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने के कारण रिक्त रह गई थीं।
पीसीएस 2019 में 453 रिक्तियों के सापेक्ष 434 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया था। योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण 19 पद खाली रह गए थे।
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प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस में आगरा की ही दिव्या सिकरवार ने टॉप किया है। लखनऊ की प्रतीक्षा पांडेय दूसरे जबकि बुलंदशहर की नम्रता सिंह तीसरे, चौथे स्थान पर उत्तराखंड की आकांक्षा गुप्ता पांचवें स्थान पर अंबेडकरनगर के कुमार गौरव रहे हैं। लखनऊ की सल्तन परवीन छठवें, मध्य प्रदेश की मोहसीना बानो सातवें, प्रयागराज की प्रजक्ता त्रिपाठी आठवें, आगरा की ऐश्वर्या दुबे नौवें तो गोंडा के संदीप कुमार तिवारी दसवें स्थान पर हैं। परिणाम शुक्रवार शाम घोषित कर दिया। कुल 30 प्रकार के 383 पदों के सापेक्ष 364 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। 364 चयनित अभ्यर्थियों में 110 बेटियां हैं।