UPPSC Recruitment : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की नई वेबसाइट पर किसी भी भर्ती की सूचना 15 दिन पहले उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को नई वेबसाइट का शुभारंभ किया था। पुरानी वेबसाइट पर उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) परीक्षा 2022 व अन्य भर्तियों के आवेदन चालू होने के कारण नई वेबसाइट 16 जनवरी से शुरू करने की तैयारी है। खास बात यह कि नई वेबसाइट प्रतियोगी छात्रों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए तैयार की गई है।
छात्रों को नया विज्ञापन जारी होने से 15 दिन पहले इसकी सूचना वेबसाइट के माध्यम से दे दी जाएगी। इसी प्रकार साक्षात्कार की भी सूचना पहले दे दी जाएगी। वेबसाइट पर ही पूर्व में आयोजित सभी भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी मिलेंगे ताकि तैयारी करने में मदद मिल सके। 1987 से लेकर वर्तमान की पीसीएस परीक्षा में शीर्ष तीन स्थान पाने वाले मेधावियों के नाम भी दिए जाएंगे।
एक अप्रैल से आवेदन के लिए ओटीआर अनिवार्य
आयोग ने प्रतियोगी छात्रों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) की सुविधा शुरू की है। एक बार अपनी सूचनाएं देने के बाद छात्र-छात्राओं को यूनिक ओटीआर नंबर मिल जाएगा जिसके बाद उसी के आधार पर ही भर्ती के लिए एक क्लिक में आवेदन कर सकेंगे। आयोग ने 31 मार्च तक छात्र-छात्राओं से ओटीआर भरवाने का लक्ष्य रखा है। एक अप्रैल के बाद जारी सभी प्रकार के विज्ञापनों में ओटीआर अनिवार्य होगा। सचिव आलोक कुमार ने अभ्यर्थियों को 31 मार्च से पहले ओटीआर प्रक्रिया को पूर्ण करने की सलाह दी है। अध्यक्ष संजय श्रीनेत का मानना है कि 10 से 12 लाख अभ्यर्थी आयोग की भर्तियों के लिए आवेदन करते हैं। इनमें बड़ी संख्या में ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र हैं जिन्हें बार-बार रजिस्ट्रेशन के लिए साइबर कैफे वालों को रुपये देने पड़ते हैं। एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें सिर्फ फीस और इक्का-दुक्का सूचना भरकर आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
मेन्स से अभिलेख भी अपलोड करवाएंगे
प्रयागराज। ओटीआर भरवाने के बाद आयोग बड़ी भर्ती की मुख्य परीक्षा से अभिलेख भी अपलोड करवाएगा, ताकि सत्यापन में लगने वाले समय को कम किया जा सके। प्रारंभिक परीक्षा में आवेदकों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण अभिलेखों को अपलोड करवाना संभव नहीं। वैसे भी अंतिम चयन मुख्य परीक्षा के आधार पर होता है। औपबंधिक चयन होने पर कई बार बाद में सीट खराब चली जाती है जिससे दूसरे छात्र का नुकसान होता है। इससे बचने के लिए यह कवायद की जा रही है।
अधिकतम आयु सीमा पूरी करने पर हो जाएंगे बाहर
ओटीआर के माध्यम से आयोग अभ्यर्थियों का जो डाटा एकत्र कर रहा है उसमें से ऐसे अभ्यर्थी अपनेआप बाहर हो जाएंगे जिनकी अधिकतम आयु सीमा पूरी हो गई है। सामान्य व आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन की अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित है। उदाहरण के तौर पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी की आयु 40 वर्ष पूरी हो गई है जो उसका डाटा अपनेआप हट जाएगा क्योंकि वह भविष्य की भर्तियों के लिए आवेदन नहीं कर सकता।
डाटा की सुरक्षा को लेकर गंभीर आयोग
प्रतियोगी छात्रों के डाटा की सुरक्षा को लेकर आयोग गंभीर है। ओटीआर पर 10 से 12 लाख अभ्यर्थियों का नाम, पता से लेकर मोबाइल नंबर तक रहेगा। इतने बड़े डाटा बैंक का दुरुपयोग न होने पाए इसके लिए आयोग ने एनआईसी के विशेषज्ञों से बात की है। साइबर सिक्योरिटी की आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए डाटा सुरक्षित किया जाएगा।
ओटीआर के फायदे
– अभ्यर्थियों को विभिन्न परीक्षाओं के लिए अपनी शैक्षिक अर्हता एवं मूलभूत सूचनाओं से संबंधित अभिलेख का विवरण बार-बार भरने की आवश्यकता नहीं होगी।
– नए आवेदन पत्र भरने में समय की बचत के साथ अभ्यर्थियों के धन की भी बचत होगी।
– मूलभूत सूचनाओं को संशोधन करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा जिससे न्यूनतम त्रुटियों की संभावना होगी।
– अगर समीक्षा के दौरान कोई गलती होती है तो उसको छात्र स्वयं ही ठीक कर सकते हैं।
– जल्दबाजी में गलत सूचना भरने के कारण या अंतिम समय में तकनीकी परेशानियों से निजात मिलेगी।
– पूर्व में बहुत सारे अभ्यर्थी एक ही परीक्षा के लिए कई फार्म भर देते थे जिससे सरकार को आर्थिक हानि होती थी और गड़बड़ी की भी आशंका बनी रहती थी।
– इसके पूर्व बहुत सारे अभ्यर्थी परीक्षाओं में आरक्षण का अनुचित लाभ लेने के लिए कूटरचित तरीके से अलग-अलग जाति का उल्लेख करके आवेदन कर देते थे। ओटीआर में यह आशंका भी नहीं रहेगी।