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सम्मिलित राज्य कृषि सेवा परीक्षा के लिए 148 पदों का अधियाचन मिलने के बावजूद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन जारी न होने से अभ्यर्थियों में बेचैनी बढ़ रही है। आयोग ने 12 जनवरी को जारी कैलेंडर में इस भर्ती का जिक्र तो किया था लेकिन साथ में यह भी सूचना दी थी कि परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम के संदर्भ में शासन से अनुमोदन मिलने के बाद आरक्षित तिथियों में भर्ती परीक्षा कराई जाएगी।
कृषि भर्ती के अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग को जिला उद्यान अधिकारी ग्रेड-2, ग्रेड-1 प्रधानाचार्य राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र/खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी ग्रेड-2, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक आदि पदों के 148 अधियाचन मिल चुके हैं। वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर)नोटिस में भी लगातार यह भर्ती परीक्षा प्रस्तावित बताई जा रही है लेकिन अब तक विज्ञापन जारी नहीं हो सका है। यूपीपीएससी ने पहली बार कृषि सेवा के लिए अलग से 29 दिसंबर 2020 को विज्ञापन जारी किया था। 564 पदों के सापेक्ष 73792 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
पेपर लीक की एसटीएफ करेगी जांच
आरओ-एआरओ भर्ती 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक होने पर मुकदमा दर्ज हो गया लेकिन अभी तक यह पता नहीं चला कि किसने और कैसे पेपर आउट कराया। नकल माफियाओं का परीक्षा केंद्रों पर सेटिंग थी या किसी अन्य तरीके से पेपर को वायरल किया गया। सिविल लाइंस पुलिस इस हाईप्रोफाइल केस को एसटीएफ से जांच कराने की तैयारी में जुटी है। पुलिस का तर्क है कि इस केस की पहले से एसटीएफ जांच कर रही है। लोकसभा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने पेपर लीक प्रकरण में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने से पहले ही शासन ने लखनऊ एसटीएफ को जांच सौंपी थी। एसटीएफ को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह पता लगाएं कि मामले में क्या सच्चाई है। इस बीच यह मुकदमा दर्ज हो गया। सिविल लाइंस पुलिस फिलहाल इस प्रकरण की जांच कर रही है। लेकिन पुलिस अफसर इसे मुकदमे को एसटीएफ को ट्रांसफर कराना चाहते हैं। इससे पूर्व भी आयोग में पेपर लीक प्रकरण में वाराणसी एसटीएफ ने कार्रवाई की थी। हालांकि इस प्रकरण में सिविल लाइंस पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम भी नकल माफियाओं का सुराग लगाने में जुटी है। पुलिस के लिए यह चुनौती बन गया है। एक तरफ आरओ-एकआरओ परीक्षा तो दूसरी ओर सिपाही भर्ती परीक्षा, दोनों में पेपर लीक होने का आरोप लगा और परीक्षा को निरस्त कर दिया गया।