Friday, December 20, 2024
Google search engine
HomeNationalUPPSC Exams: अभ्यर्थियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं राज्यों के लोक...

UPPSC Exams: अभ्यर्थियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं राज्यों के लोक सेवा आयोग – जस्टिस राजेश बिंदल


ऐप पर पढ़ें

UPPSC : आज पूरी दुनिया में भारत के टैलेंट का सम्मान हो रहा है। मुझे खुशी है कि संघ लोक सेवा आयोग और राज्यों के लोक सेवा आयोग काफी पहले से मेधाओं को तलाशने का ये कार्य कर रहे हैं। मगर अब समय की मांग है कि हम टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर सिविल सेवकों के चयन को और पारदर्शी बनाएं। हमें एक ऐसे सिंगल विंडो सिस्टम को बनाना होगा, जहां से अभ्यर्थी एक ही वेबसाइट के जरिए देश के किसी भी राज्य के लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकें। ये बातें रविवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के दो दिवसीय 24वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और पूर्व में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस राजेश बिंदल ने कही।

प्रतिदिन की गतिविधियों में दिखे आपसी समन्वय

अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा, ‘मैंने लंबे समय तक उत्तर प्रदेश में कार्य किया है ये मेरी कर्मभूमि रही है। मैं आज स्पष्ट देख रहा हूं कि यूपी में परिवर्तन की लहर है। उत्तर प्रदेश की धरती पर देशभर से आए आप सभी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का मैं स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि राज्यों के लोक सेवा आयोग का ये राष्ट्रीय सम्मेलन यहां से एक नई प्रेरणा लेकर जाए। जस्टिस राजेश बिंदल ने कहा कि आपसी समन्वय का ये प्रयास केवल वार्षिक ना होकर दिन प्रतिदिन की गतिविधियों में भी दिखना चाहिए। इसके लिए आप सभी को मिलकर इस बात का प्रयास करना चाहिए कि एक ऐसे पोर्टल को डेवलप करें जहां आप आपस में संवाद कर सके।

एमसीक्यू की जगह ऐप्टिट्यूट टेस्ट पर विशेष फोकस करें

जस्टिस बिंदल ने कहा कि आप सभी पर बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। आप ऐसे कैंडिडेट को चुनते हैं जो आने वाले 25 से 30 साल तक नीतियों का क्रियान्वयन करते हैं। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि कैंडिडेट्स का चयन पारदर्शी और शुचितापूर्ण हो। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोगों को अपने सिलेबस को अपडेट करते रहना होगा। सुझाव दिया कि मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन (एमसीक्यू) बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं है, इसकी जगह अभ्यर्थियों के लिए ऐप्टिट्यूट आधारित टेस्ट पर विशेष बल देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अक्सर ये देखने को मिलता है कि सेलेक्शन प्रॉसेस में लंबा समय निकल जाता है, जबकि मानकों के अनुसार किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया में 6 माह से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए। नियुक्ति में देरी कैंडिडेट्स के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को खराब करता है, साथ ही उनमें निराश और अनिश्चितता की स्थिति भी पैदा करता है।

अपडेट जानकारी उपलब्ध न होने से बढ़ रहे केस

जस्टिस बिंदल ने कहा कि राज्यों के लोक सेवा आयोगों को अपनी वेबसाइट्स को हमेशा अपडेट रखने की जरूरत है। न्यायालयों में आने वाले अधिकांश केस ऐसी परिस्थितियों के चलते उत्पन्न होते हैं, जब आयोग की ओर से सही जानकारी नहीं उपलब्ध कराई जाती है। आयोग की ओर से किन-किन कोर्सेज और विश्वविद्यालयों को मान्यता दी गई है, इसको लेकर स्पष्ट और अपडेट जानकारी आयोगों की वेबसाइट पर उपलब्ध होनी चाहिए।

सभी राज्यों के लिए हो एक सिंगल सिस्टम

इसके अलावा आप सभी को इस दिशा में भी गंभीरता से पहल करना चाहिए कि देश के सभी राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को लेकर अप्लाई करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम हो। एक अभ्यर्थी एक ही वेबसाइट से विभिन्न राज्यों के लिए अप्लाई कर सके। इसके लिए उसे अलग-अलग वेबसाइट न खोलना पड़े। जस्टिस बिंदल ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तारीफ करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी के एडाप्टेशन को लेकर यूपीपीएससी बेहतर काम कर रहा है। मुझे बताया गया कि यहां ऑटो डेटा फीड होने लगा है। इस टेक्नोलॉजी से सभी को फायदा होगा। राज्यों को अपने लोक सेवा आयोग की वेबसाइट के डेटाबेस को और अधिक मजबूत बनाना होगा।

पहले यूपी से केवल प्रेम था, आज प्रेम और गर्व दोनों

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि पहले यूपी और बिहार के लिए एक कहावत थी कि यहां गंगा में पानी के अलावा और कुछ नहीं बदलता। मगर, आज हम सब महसूस कर रहे हैं कि यूपी पूरी तरह से बदल चुका है। पहले उत्तर प्रदेश से केवल प्रेम था आज इस बदलाव पर हम सबको प्रेम के साथ साथ गर्व की भी अनुभूति होती है। मैंने 44 साल आर्म्ड फोर्स में सेवा दी है। आज यूपीएससी की सेवा का अवसर मिला है। आज भी लोक सेवा आयोग पर जनता का विश्वास बना हुआ है। जरूरत है कि हमारी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो, इसके लिए तकनीकी के बेहतर प्रयोग की विशेष जरूरत है।

इस अवसर पर यूपीपीएससी के चेयरमैन संजय श्रीनेत ने स्वागत भाषण दिया। 24वें राष्ट्रीय सेमिनार की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जोसे मैनुअल नॉर्नहा और यूपीएससी के वरिष्ठ सदस्य राजीव नयन चौबे ने विशेष तौर पर सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर प्रदेश के डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा और एसीएस देवेश चतुर्वेदी भी मुख्य रूप से मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन यूपीपीएससी के सदस्य प्रो. आरएन त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। वहीं इससे पूर्व रविवार सुबह चौथे बिजनेस सेशन का भी आयोजन हुआ, जिसमें ‘कोर्ट जजमेंट एंड अदर लीगल ईशू’ पर देशभर से आये राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों ने विमर्श किया। राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य रविवार को लखनऊ दर्शन करने के उपरांत सोमवार को काशी, मथुरा एवं अयोध्या की यात्रा करेंगे। 



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments