Monday, July 8, 2024
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UPPSC PCS 2022 Result: पीसीएस टॉपर्स के लिए यादगार बन गया ‘एक सवाल’


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प्रशासनिक सेवा की राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा पीसीएस-2022 के टॉप टेन में स्थान बनाने वाले मेधावियों के लिए इंटरव्यू बोर्ड के चुनिंदा सवाल यादगार हो गए। इस सवाल का जवाब देते वक्त टॉपर थोड़ी देर सोच में डूब गए थे। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने शनिवार को पीसीएस के टॉपर्स से इंटरव्यू के सवाल पर बात की।

पीसीएस 2022 की टॉपर आगरा की दिव्या सिकरवार कहती हैं कि उनसे सबसे रोचक सवाल उनके परिवेश के संबंध में पूछा गया था। सवाल था कि ‘आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं, यहां महिला सशक्तीकरण के लिए क्या करेंगी?’ दिव्या ने जवाब दिया था कि-‘ग्रामीण परिवेश की महिलाएं मानसिक रूप से हर तरह से सशक्त होती हैं। बस उन्हें सशक्तीकरण संस्कारों के साथ दिखाने की आदत है। शिक्षित होना बेहद जरूरी है। बिना शिक्षा के कुछ नहीं हो सकता लेकिन सशक्तीकरण अगर संस्कारों के साथ हो तो बेहतर होगा। मैं इसमें बस जागरुकता और शिक्षा ही जोडूंगी।’

मेरिट में दूसरा स्थान पाने वाली गोमती नगर (लखनऊ) की प्रतीक्षा पांडेय कहती हैं कि वैसे तो उनसे तीन रोचक सवाल पूछे गए थे पर इसमें सबसे घुमाने वाला सवाल था-समाज में हर कोई बराबर हो जाएगा तो विकास नहीं होगा, फिर सबके आर्थिक मजबूती की बात क्यों? मुख्य परीक्षा में समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय लेने वालीं प्रतीक्षा से अंतरजातीय विवाह को लेकर भी एक प्रश्न पूछा गया था कि-अंतरजातीय विवाह को समाज में अच्छी नजर से नहीं देखते, ऐसा क्यों? प्रतीक्षा कहती हैं कि बोर्ड ने जातिवाद को लेकर भी एक प्रश्न पूछा था कि-शहरों में लोग आसपास रहते हैं जहां एक टेम्पो या गाड़ी में बैठकर आना-जाना, साथ रहना होता है, फिर जातिवाद की बात क्यों?’ समाजशास्त्र की विद्यार्थी रही प्रतीक्षा के जवाबों से बोर्ड संतुष्ट हुआ, जिसका नतीजा सबसे सामने है। तीसरी रैंक पाने वाली अनूपशहर की नम्रता सिंह से भ्रष्टाचार और कूड़ा प्रबंधन पर सवाल पूछे गए थे। इंटरव्यू बोर्ड ने पूछा था कि-आपकी पोस्टिंग ऐसे क्षेत्र में होने जा रही है जो भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता है, उस क्षेत्र को भ्रष्टाचार को मुक्त करने को क्या करेंगी?’ नम्रता ने जवाब दिया-जहां पर भ्रष्टाचार की शिकायत होगी वहां पर जाकर सबसे पहले मीटिंग बुलाकर अधीनस्थों से बात करेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि यह बहुत बदनामी का विषय है। डिजिटिल माध्यम से शिकायत करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। जांच कर कड़ी कार्रवाई होगी। कूड़ा प्रबंधन को लेकर सवाल था कि-घरों के बाहर जो कूड़ा फेंकते हैं उसके प्रबंधन की क्या व्यवस्था करेंगी?’ इस पर नम्रता ने जवाब दिया था कि-स्वच्छ भारत मिशन की जो व्यवस्था की गई उसको देखकर पूरी तरह अनुपालन कराया जाएगा। सड़कों पर लोग कूड़ा न डालें इसके लिए सोसायटी के लोग लोगों को जागरूक करेंगे।

चौथा स्थान पाने वाली उत्तराखंड की आकांक्षा गुप्ता कहती हैं कि उनसे सबसे रोचक सवाल शादी को लेकर पूछा गया था। सवाल था कि-महिलाएं देर से शादी कर रही हैं, जिससे दुनिया की जनसंख्या गिरती जा रही है। आगे जनसंख्या और कम होगी तो क्या हम महिलाओं पर दबाव डालेंगे कि घर पर रहें बाहर काम करने न जाएं? मुख्य परीक्षा में आकांक्षा का भी वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र था। उन्होंने इसका तार्किक जवाब दिया। बोर्ड ने उनसे एक जिला एक उत्पाद में शामिल बुद्धा चावल के बारे में पूछा था। साथ ही जिम्मेदारी, जवाबदेही और भ्रष्टाचार पर एक परिस्थिति भी बनाने को कहा था।

5वीं रैंक पाने वाले शाहजहांपुर के बीएसए कुमार गौरव से इंटरव्यू बोर्ड ने पूछा था कि-कानून और नैतिकता में किसका साथ देंगे, जैसे सड़क के किनारे सरकारी जमीन पर झुग्गी झोपड़ी डालकर रहने वालों को कैसे हटाएंगे। एक तरफ सरकारी आदेश का पालन कर उनको हटाना, दूसरी ओर उनकी बसावट को देखकर नैतिकता को ध्यान में रखकर उनको सुरक्षित मकान देना, ऐसे में किसका साथ देंगे। इस प्रश्न के उत्तर में कुमार गौरव ने कहा था कि दोनों के बीच में संतुलन बनाएंगे। गरीबों को रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। कानूनी सीमा के अंदर जितनी भी नैतिकता दिखाई देगी उसका पालन किया जाएगा।

नौवीं रैंक पाने वाली आगरा की ऐश्वर्या दुबे से पूछा गया था कि-डिफेंस में महिलाओं की भागीदारी कैसी होनी चाहिए। जिस पर उसने जवाब दिया था कि-डिफेंस में महिलाओं की भागीदारी लैंगिक आधार पर नहीं उनकी योग्यता के आधार पर होनी चाहिए। महिलाएं प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर रहीं हैं। हर क्षेत्र में बेहतर काम कर रहीं हैं। लेकिन उनकी योग्यता को कमतर आंका जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। दूसरा सवाल था कि-कॉलेज में ब्वॉयज और गर्ल्स दो हॉस्टल हैं, लड़कों के हॉस्टल का समय सात बजे और लड़कियों का छह बजे है। लड़कियां भी सात बजे हॉस्टल बंद करने की मांग कर रही हैं। बतौर वार्डेन आप उन्हें कैसे समझाएंगी।’ उन्होंने जवाब दिया-‘मैं पहले छात्राओं को समझाने का प्रयास करूंगी। साथ ही उनके अभिभावकों को बुलाकर सहमति लूंगी। दोनों के सामंजस्य से समस्या का समाधान हो जाएगा।’

10वीं रैंक लाने वाले संदीप कुमार तिवारी से इंटरव्यू बोर्ड ने कंप्यूटर साइंस के एक सवाल के दौरान किसी फिल्म का जिक्र किया। इस पर उन्होंने पिता के अनुशासन का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने कोई फिल्म नहीं देखी। तपाक से एक सदस्य ने त्रियाचरित्र का जिक्र करते हुए पूछा कि शादी के बाद अगर आपकी पत्नी कहती है कि पिताजी को छोड़ दो तो क्या करेंगे। इस पर संदीप ने कहा ऐसा हरगिज नहीं करूंगा। उन्होंने जवाब दिया कि किसी व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु ऋण, पितृ ऋण और देव ऋण चुकाने होते हैं। पितृ ऋण का मतलब सिर्फ संतति पैदा कर देना ही नहीं होता है बल्कि माता-पिता का ख्याल रखना होता है। उम्मीद है कि उनकी पत्नी ऐसा नहीं करेगी। साथ ही उनसे विवेकानंद के जीवन दर्शन के बारे में करीब 20 मिनट तक विभिन्न सवाल पूछे गए थे।



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