Monday, July 8, 2024
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UPPSC Result : पीसीएस में मेधावियों खुद के दम पर लिख दी सफलता की इबारत


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UPPSC PCS 2022 Result : प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस-2022 में कई मेधावियों ने खुद के दम पर सफलता की इबारत लिख दी। इन चयनितों ने स्वविवेक से नोट्स तैयार करते हुए स्वाध्याय से अपने सपने को साकार किया है। इनमें से कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जो पहले से सर्विस कर रहे हैं और उनके लिए तैयारी करना आसान नहीं था, लेकिन इसके बावजूद टाइम मैनेजमेंट करते हुए कठिन समय में विचलित हुए बगैर खुद पर भरोसा बनाए रखा और कामयाबी हासिल की।

मेरिट में टॉप करने वाली आगरा की दिव्या सिकरवार ने खुद से तैयारी कर तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की। दिव्या का मानना है कि असफलता हमें सिखाती हैं। निराश होने की जगह कमियों को पहचान कर आगे बढ़ना चाहिए। तीसरी रैंक पाने वाली बुलंदशहर की नम्रता सिंह ने भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। अनुशासित रहकर तैयारी करने से सफलता हासिल हुई। पांचवें प्रयास में चौथी रैंक पाने वाली उत्तराखंड की आकांक्षा गुप्ता भी सेल्फ स्टडी से बुलंदी पर पहुंच गईं। उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर टेस्ट सीरीज वगैरह कर लेती थीं। इंटरव्यू करीब आया तो मॉक इंटरव्यू में भाग लिया, लेकिन तैयारी के लिए कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। पांचवीं रैंक पाने वाले कुमार गौरव बेसिक शिक्षा अधिकारी का अतिव्यस्त पद संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोचिंग के बजाय सेल्फ स्टडी पर विशेष ध्यान दिया। घर में रहकर नोटबुक बनाकर तैयारी की। रात में समय निकालकर पढ़ाई की। आठवीं रैंक पाने वाली और वर्तमान में गृह मंत्रालय में कार्यरत संगमनगरी की बेटी प्राजक्ता त्रिपाठी ने भी बगैर किसी कोचिंग के सफलता हासिल की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में एमएससी करने वाली प्राजक्ता मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय समाजशास्त्रत्त् लेकर पहले प्रयास में ही एसडीएम बन गईं। नौंवीं रैंक पाने वाली आगरा की ऐश्वर्या दुबे भी बिना कोचिंग सफलता के शीर्ष पर पहुंच गईं। दूसरी रैंक पाने वाली प्रतीक्षा पांडेय ने 2018 से 20119 तक एक साल कोचिंग की थी। लेकिन उसके बाद से सेल्फ स्टडी पर ही फोकस किया।

अभ्युदय से तैयारी करने वाले राज बने डिप्टी एसपी

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत प्रयागराज में संचालित कोचिंग कक्षा में सत्र 2021-22 में तैयारी करने वाले छात्र राज सोनकर का पीसीएस 2022 में डिप्टी एसपी के पद पर हुआ है। जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र कुमार सिंह ने बताया कि राज के पिता अमूल सोनकर व्यवसायी हैं। राज सोनकर ने अपनी सफलता का श्रेय समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना कक्षाओं को दिया है।



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