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UPPSC RO-ARO Exam 2024 : वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से अपनी छवि सुधारने में लगे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा निरस्त होने के कारण साढ़े सात साल में दूसरा बड़ा झटका लगा है। वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) लागू से लेकर साक्षात्कार की गोपनीयता में संघ लोक सेवा आयोग के मानकों से भी एक कदम आगे बढ़कर प्रतियोगी छात्रों के लिए काम कर रहे यूपीपीएससी को पेपर लीक के इस सदमे से बाहर निकलने में समय लगेगा।
इससे पहले समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आरओ/एआरओ 2016 की परीक्षा भी पेपर लीक के कारण निरस्त करनी पड़ी थी। पेपर लीक के कारण आरओ/एआरओ 2016 की भर्ती पूरी होने में पांच साल का समय लग गया था। पांच अप्रैल 2021 को अंतिम परिणाम घोषित होने के साथ उस विवाद का अंत हुआ था। 27 नवंबर 2016 को 21 जिलों के 827 केंद्रों पर आयोजित आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा में 3,85,191 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। लखनऊ के एक केंद्र से व्हाट्सएप पर पेपर वायरल होने पर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
पेपर लीक में टीईटी से पीसीएस परीक्षा तक हो चुकी है निरस्त
पेपर लीक के कारण पहले भी कई बड़ी परीक्षाएं निरस्त हो चुकी हैं। 28 नवंबर 2021 को आयोजित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) निरस्त करनी पड़ी थी। 29 मार्च 2015 को लखनऊ के आलमबाग स्थित एक परीक्षा केंद्र से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2015 का पेपर आउट हो गया था। पहले तो आयोग ने पेपर आउट होने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में शासन स्तर से दबाव बनने पर सिर्फ सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा निरस्त कर 10 मई 2015 को दोबारा परीक्षा कराई गई।
आपको बता दें कि आरओ एआरओ परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी कई दिन से लगातार आयोग कार्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रोंं की इसी मांग पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द करने का ऐलान किया है। साथ ही पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। योगी सरकार के इस ऐलान के बाद प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी अपनी मांग पूरी होने पर जश्न मनाया।