Wednesday, July 3, 2024
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UPSC : मिलिए एक और IPS अफसर से जो 12वीं में हुए थे फेल, गुजारे के लिए 2 साल तक बेचा दूध


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12वीं में फेल होने के बावजूद यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस अफसर बनने वाले मनोज शर्मा की कहानी पर बनी 12th फेल फिल्म के चर्चे हर तरफ छाए हुए हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर आईपीएस मनोज शर्मा के अलावा एक और शख्स अचानक चर्चा में आ गया है। ये हैं आईपीएस अफसर उमेश गणपत खंडबहाले। दरअसल उमेश गणपत खंडबहाले की कहानी मनोज शर्मा से काफी मेल खाती है। बेहद गरीब घर से ताल्लुक रखने वाले उमेश भी मनोज की तरह 12वीं कक्षा में फेल हुए थे। पेट पालने के लिए पढ़ाई करने के दिनों में उन्हें भी काम करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईपीएस अफसर बने। 

उमेश गणपत खंडबहाले वर्तमान में जलपाईगुड़ी के पुलिस अधीक्षक हैं। महाराष्ट्र के नासिक में त्र्यंबकेश्वर के नजदीक महिरावणी गांव के रहने वाले उमेश गणपत खंडबहाले 12वीं कक्षा में अंग्रेजी विषय में फेल हो गए थे। वर्ष 2003 में अंग्रेजी में उनके केवल 21 नंबर आए थे। परीक्षा में फेल होने के बाद उन्हें उनके पिता ने अपने साथ काम में लगा लिया। उन्होंने घर के गुजारे के लिए दो साल तक दूध बेचा। वह रोजाना गांव से दूध लेकर नासिक के बाजार में बेचने जाते थे। 

लेकिन वो दिन उमेश खंडबहाले की जिंदगी में टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ जब वह अपने नासिक जाने के रास्ते में पड़ने वाली यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी (वाईसीएमओयू) के सामने रुक गए। उमेश ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से यूनिवर्सिटी के बारे में पूछा। तब उन्हें ओपन एजुकेशन सिस्टम के बारे में पता चला। उन्होंने महाराष्ट्र में रहकर ही ओपन से 12वीं पास की। इसके बाद बीएससी हॉर्टिकल्चर में एडमिशन लिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद उन्होंने केटीएचएम कॉलेज से इंग्लिश में बीए और इंग्लिश लिटरेचर में एमए किया। इंग्लिश वही विषय था जिसमें वे 12वीं में फेल हो गए थे। उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना ली।

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उमेश वर्ष 2012 में दिल्ली आ गए और 26 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का पहला अटेम्प दिया। वर्ष 2015 में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर वह आईपीएस अफसर बने। यूपीएससी परीक्षा में उन्हें 704वां रैंक मिला।

उमेश अपने गांव से आईपीएस अफसर बनने वाले पहले शख्स थे। कुछेक दिन पहले उन्होंने अपने परिवार के साथ ’12वीं फेल’ फिल्म देखी और तो उन्हें अपने संघर्ष के दिन याद आ गए।

खांडाबले ने कहा, ”वास्तव में, यह हमारे लिए बहुत इमोश्नल पल थे। मैं हर किसी को बताता हूं कि सब कुछ संभव है। रीस्टार्ट करना निश्चित रूप से मूल मंत्र है। आप असफलता के बाद कामयाबी पाने के लिए रीस्टार्ट कर जीत पक्की कर सकते हैं।” 



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