Friday, July 5, 2024
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UPSC IAS : इस बार 7वीं बार दी यूपीएससी मुख्य परीक्षा, 4 बार दे चुके हैं इंटरव्यू, हर कोई कर रहा सलाम


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यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 रविवार को समाप्त हो गई। इसका आयोजन 15, 16, 17, 23 और 24 सितंबर को हुआ। परीक्षा में बैठने वाले 14 हजार से ज्यादा युवाओं में एक शख्स ऐसा था जो 7वीं बार मेन्स एग्जाम दे रहा था। महाराष्ट्र के कुणाल आर. विरुलकर का यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम का यह 11वां अटेम्प्ट है। इससे पहले के 10 अटेंप्ट में वह 6 मेन्स एग्जाम और 4 इंटरव्यू दे चुके हैं। रविवार को मुख्य परीक्षा खत्म होने के बाद उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर ) पर ट्वीट कर कहा, ‘7वीं बार यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा दी।’ इसके बाद एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं यूपीएससी का फुलटाइम अभ्यर्थी नहीं हूं। मैं पहले से ही काम कर रहा हूं और काम के साथ तैयारी कर रहा हूं। तो मैं कुछ भी नहीं खो रहा हूं।’

सोशल मीडिया पर विरुलकर के इस धैर्य और हिम्मत की हर कोई तारीफ कर रहा है। गौरतलब है कि आईएएस आईपीएस बनने का सपना साकार करने के लिए हर वर्ष यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 9 से 10 लाख अभ्यर्थी बैठते हैं। लेकिन करीब 900 लोगों का ही इसमें फाइनल सेलेक्शन हो पाता है।  कुछ अभ्यर्थियों का चयन पहले प्रयास में हो जाता है तो कुछ का दूसरे, तीसरे या उसके बाद के प्रयासों में। मंजिल पाने के लिए लाखों युवा सालों साल तैयारी करते रहते हैं। कठिनाइयों व चुनौतियों से भरी इस राह ज्यादातर अभ्यर्थी या तो अपना रास्ता बदल लेते हैं या फिर उनके प्रयास खत्म हो जाते हैं।  इस मुश्किल डगर कुणाल आर. विरुलकर डटे हुए हैं और उनके इस साहस को हर कोई सलाम कर रहा है। यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी, सिविल सर्वेन्ट्स और अन्य लोग उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें कह रहे है कि इस बार आप यूपीएससी जरूर क्रैक करेंगे। कुछ तो पहले से ही इंटरव्यू की शुभकामना दे रहे हैं।

कुणाल विरुलकर का यह ट्वीट यूपीएससी सिविल सेवा अभ्यर्थियों को काफी सीख देने वाला है। यह बताता है कि इस फील्ड में कितने धैर्य और लगन के साथ लगातार मेहनत की जरूरत होती है। 

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आपको बता दें कि जनरल व ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवार अधिकतम 6 बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दे सकते हैं। ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवार को 9 अटेंप्ट मिलते हैं। जबकि एससी व एसटी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए प्रयासों की कोई सीमा नहीं रखी गई है। जब तक उम्मीदवार आयोग के नियमों के अनुसार अधिकतम उम्र सीमा तक नहीं पहुंच जाता है, तब तक वह चाहे जितनी बार परीक्षा दे सकता है। आरक्षित वर्ग से होने के चलते विरुलकर को अधिक अवसर मिल रहे हैं। 

एक अन्य ट्वीट में विरुलक ने लिखा, ‘यूपीएससी परीक्षा सिर्फ अभ्यर्थी की परीक्षा नहीं है, बल्कि यह पूरे परिवार की परीक्षा है। मैंने बहुत से माता-पिता को यह आशा करते हुए देखा है कि उनका बेटा/बेटी केंद्र में इस परीक्षा में सफल होंगे।’



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