Monday, July 8, 2024
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UPSC IAS : यूपीएससी टॉपर टीना डाबी और अतहर को बताया अपना छात्र, बुरा फंसा कोचिंग संस्थान


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UPSC IAS Civil Services Exam: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने झूठे दावों के लिए आईक्यूआरए आईएएस संस्थान पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। संस्थान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के टॉपरों के संबंध में गुमराह करने वाला विज्ञापन दिया था। सीसीपीए ने इस विज्ञापन और वेबसाइट से झूठे दावों को तुरंत हटाने का निर्देश भी दिया है। सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की पीठ ने यूपीएससी आईएएस सिविल सेवा परीक्षा में वर्ष 2015 और 2017 के टॉप करने वालों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन और अनुचित बिजनेस हथकंडे अपनाने के लिए आईक्यूआरए आईएएस संस्थान के खिलाफ यह आदेश दिया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। संस्थान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2015 की टॉपर टीना डाबी, सेकेंड टॉपर अतहर आमिर, रैंक 77 हिमांशु और यूपीएससी 2017 में 570वीं रैंक लाने वाले सैफीन को टेस्टिमोनियल्स के माध्यम से विज्ञापनों में अपने छात्रों के रूप में दिखाया था।

सीसीपीए ने पाया कि आईक्यूआरए आईएएस संस्थान ने अपनी बेवसाइट के जरिये जानबूझकर और गलत तरीके से 2015 और 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के शीर्ष स्थान पाने वालों की तारीफ करते हुए उन्हें अपने छात्रों के रूप में पेश किया, जबकि इस संस्थान की स्थापना 2018 में हुई थी।

     

इस मामले में सीसीपीए ने स्वत: संज्ञान लेते हुए संस्थान को नोटिस जारी किया है। यह मामला आईक्यूआरए आईएएस इंस्टीट्यूट की वेबसाइट के जरिए सीसीपीए की नजर में आया। सीसीपीए ने पाया कि यूपीएससी कोचिंग इंस्टीट्यूट ने जानबूझकर और गलत तरीके से 2015 और 2017 में यूपीएससी सीएसई के टॉप रैंक होल्डर्स के टेस्टिमोनियल्स के माध्यम से अपने छात्रों के रूप में दावा किया जो तथ्यात्मक रूप से धोखा देने वाला है। संस्थान की स्थापना 2018 में हुई थी।

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यही नहीं, सीसीपीए ने यह भी पाया कि संस्थान ने उपरोक्त झूठे तथ्य फैलाने के अलावा यूपीएससी प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज 2020 उपलब्ध कराने के मामले में खुद के पूरे भारत से बेस्ट फैकल्टी रखने वाली एकमात्र कोचिंग अकादमी के रूप में दावा किया। संस्थान ने दावा किया कि इससे वह पुणे में  एक साल के भीतर शीर्ष यूपीएससी कोचिंग संस्थान बन गया है। 

इस मामले में अथॉरिटी ने इंस्टीट्यूट को नोटिस जारी किया था और जांच के आदेश भी दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।



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