यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2009 में 314वीं रैंक हासिल कर आईआरएस अफसर बनने वाले अंजनी कुमार पांडेय ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम की तैयारी में जुटे युवाओं को बेहद कारगर टिप्स दिए हैं। साल 2009 बैच के आईआरएस अधिकारी कहा है कि यूपीएससी अभ्यर्थियों को चाय की दुकानों पर फिजूल की चर्चा से हमेशा बचना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी वक्त बर्बाद करने से बचें। उन्होंने यह भी कहा कि कई दिनों तक लगातार पढ़ाई न करें। वह रविवार को साप्ताहिक अवकाश लेते थे और समाचार पत्रों को फिर से पढ़ते थे। रविवार की शाम को दिल्ली की ऐतिहासिक स्मारकों को देखने जाया करते थे।
अंजनी कुमार पांडेय ने दिए ये 10 टिप्स
1. UPSC परीक्षा की तैयारी के दौरान परीक्षा के प्रति गंभीर रहें, बेकार की चर्चाओं में समय बर्बाद न करें, सोशल मीडिया पर और चाय की दुकानों पर भी चर्चाओं से हमेशा बचें।
2. ऐसा कुछ भी न करें क्योंकि बाकी सभी लोग ऐसा कर रहे हैं जैसे अनावश्यक रूप से नोट्स बनाना, ऑनलाइन सामग्री पढ़ना, भले ही यह आपकी योजना का हिस्सा न हो। आपकी प्लानिंग आपकी होनी चाहिए न कि सिर्फ दूसरों की अंधी नकल। अपनी खुद की रणनीति का पालन करें। आप खुद को किसी और से ज्यादा जानते हैं इसलिए उसी के अनुसार योजना बनाएं।
3. बिना ब्रेक, बिना रुके हुए रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई सालभर बहुत जरूरी है। इससे कम पढ़ने पर सफलता नहीं मिलेगी और इससे ज्यादा पढ़ने पर आप अनावश्यक शारीरिक और मानसिक तनाव लेना शुरू कर देंगे।
4. अपनी सेहत का ख्याल रखना। मैंने अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा की और अपनी तैयारी के दौरान मुझे कुछ चिकित्सीय समस्याओं का सामना करना पड़ा और तीसरा प्रयास में मेरा एक महीना डॉक्टर का चक्कर लगाने में बर्बाद हो गया था।
5. ऑप्शनल का चयन बहुत सावधानी से करें। वैकल्पिक विषय में रुचि होना आवश्यक है और वैकल्पिक विषय चुनने का एकमात्र कारण यही होना चाहिए।
UPSC IAS : 7 बार यूपीएससी प्रीलिम्स क्रैक करने वाले शख्स ने बताया CSAT का तोड़
6. अपने मित्र/अध्ययन मंडल/स्टडी ग्रुप का चयन बहुत सावधानी से करें। संगति बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है।
7. यह मत सोचिए कि सिर्फ कोचिंग क्लास करने से या सिर्फ नोट्स पढ़ने से कोई विषय तैयार हो जाता है। पाठ्यक्रम और पिछले वर्ष के प्रश्नों को देखे बिना कभी भी किसी टॉपिक/विषय का अध्ययन शुरू न करें।
8. मूल्यांकन की कभी उपेक्षा न करें। हर कदम पर अपनी पढ़ाई का मूल्यांकन करते रहें। इसमें प्रीलिम्स टेस्ट पेपर, जीएस पेपर, आपकी दैनिक पढ़ाई आदि शामिल हैं।अपने शिक्षक सलाहकार मार्गदर्शक के साथ एक साप्ताहिक बैठक आवश्यक है। आत्म मूल्यांकन जरूरी है। क्या मेरी तैयारी सही दिशा और सही गति से चल रही है?
9. आदर्शवादी बनने की कोशिश मत करें। कई दिनों तक लगातार पढ़ाई न करें। मैंने रविवार को साप्ताहिक अवकाश लेना शुरू कर दिया था। मैं रविवार की सुबह पूरे सप्ताह के समाचार पत्रों का पुनः अध्ययन करता था और रविवार की शाम को दिल्ली के ऐतिहासिक स्मारकों को देखने जाता था। इतिहास मेरा वैकल्पिक विषय था। यह मेरे लिए सोशल ऑब्जर्वेशनल लर्निंग ( देखकर सीखने) जैसा था।
10. अपनी गलतियों को स्वीकार करें और उन्हें दोहराने की हिम्मत भी न करें। अपनी गलतियों से सीखें।