Home National Urdu Poetry : टूटे दिल की शायरी- ‘जख्म झेले दाग भी खाए बहुत, दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत’

Urdu Poetry : टूटे दिल की शायरी- ‘जख्म झेले दाग भी खाए बहुत, दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत’

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Urdu Poetry : टूटे दिल की शायरी- ‘जख्म झेले दाग भी खाए बहुत, दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत’

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News18

“चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का, सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही…” लिखने वाले शायर ‘सैयद अहमद शाह’ यानी कि ‘अहमद फ़राज़’ उर्दू के उम्दा शायरों में शुमार हैं. उन्हें उर्दू भाषा के आधुनिक कवियों में से एक माना जाता है, जिनकी रचनाएं समय और स्थान की सीमाओं को पार करते हुए बहुत आगे बढ़ जाती हैं और पाठकों के दिलों में संवेदनाओं का अद्वितीय प्रभाव छोड़ती हैं. उर्दू साहित्य को संपन्न बनाने में फ़राज़ की गज़लों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है, जो अपनी भावनात्मक गहराई, गहरे चित्रण और सामाजिक-राजनीतिक टिप्पणी की वज़ह से ख़ासा मशहूर हैं.

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