न्यूयॉर्क: इस्लामिक स्टेट (ISIS) से संबंध रखने और संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमले की साजिश रचने के आरोप में एक पाकिस्तानी डॉक्टर को 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है. H-1B वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले 31 साल के डॉक्टर का नाम मोहम्मद मसूद है. अदालती दस्तावेजों के अनुसार, मसूद पाकिस्तान में एक लाइसेंस प्राप्त मेडिकल डॉक्टर था और एच-1बी वीजा के तहत मिनेसोटा के रोचेस्टर में एक मेडिकल क्लिनिक में रिसर्च एसोसिएट के रूप में कार्यरत था. मसूद 2020 की शुरुआत में आईएस के संपर्क में आया.
मसूद ने पिछले साल अगस्त में अपना दोष स्वीकार किया और वरिष्ठ न्यायाधीश पॉल ए मैग्नसन के समक्ष उन्हें सजा सुनाई गई. हालांकि, मसूद को 18 साल की सजा की पूरी अवधि नहीं काटनी होगी. सजा के उसे सरकारी निगरानी में पांच साल बिताने होंगे. मसूद ने इंटरनेट पर गलत पहचान के तहत लगातार अमेरिका के खिलाफ अभियान चलाया था. यहां तक कि वह सोशल मीडिया पर भी आईएस नेतृत्व के संपर्क में था.
मसूद ने संयुक्त राज्य अमेरिका में “लोन वुल्फ” आतंकवादी हमले करने की भी इच्छा व्यक्त की. उसने आईएस नेताओं से अमेरिका पर हमला करने की अपील की. मसूद की योजना थी कि वह अकेले ही तोड़फोड़ करेगा. उसी वर्ष फरवरी में, मसूद ने शिकागो, इलिनोइस से जॉर्डन की राजधानी अम्मान तक का हवाई टिकट खरीदा. वहां से उसने सीरिया जाकर आईएस कैंप में ट्रेनिंग लेने की योजना बनाई. मसूद को अपनी योजना रद्द करनी पड़ी. क्योंकि जॉर्डन सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं. कुछ महीनों बाद मसूद पकड़ा गया.
जनवरी 2020 और मार्च 2020 के बीच, मसूद ने एक आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए अपनी विदेश यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग किया. मसूद ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) में शामिल होने की अपनी इच्छा के बारे में कई बयान दिए और उन्होंने नामित आतंकवादी संगठन और उसके नेता के प्रति अपनी निष्ठा जताई.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 13:43 IST