Home World US Defence Budget: चीन का सामना करने को तैयार अमेरिका, 1 खरब डॉलर तक होगा रक्षा बजट, अफगानिस्‍तान युद्ध के बाद ऐतिहासिक इजाफा

US Defence Budget: चीन का सामना करने को तैयार अमेरिका, 1 खरब डॉलर तक होगा रक्षा बजट, अफगानिस्‍तान युद्ध के बाद ऐतिहासिक इजाफा

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US Defence Budget: चीन का सामना करने को तैयार अमेरिका, 1 खरब डॉलर तक होगा रक्षा बजट, अफगानिस्‍तान युद्ध के बाद ऐतिहासिक इजाफा

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वॉशिंगटन: अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने एडवांस्‍ड मिसाइल, अंतरिक्ष में रक्षा और मॉर्डन जेट्स के जखीरे को दिमाग में रखते हुए अपने बजट में असाधारण तरीके से इजाफा करने की तैयारी की है। कई दशकों बाद अमेरिका के रक्षा बजट में होने वाली इस बढ़ोत्‍तरी के पीछे चीन को बड़ी वजह बताया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो दशकों बाद अमेरिका को चीन की तरफ से खतरा पैदा हुआ है। ऐसे में रक्षा बजट का बढ़ाना लाजिमी है। अमेरिका अब अपनी सेनाओं पर करीब एक खरब डॉलर खर्च करेगा। चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की तरफ से सोमवार को रक्षा बजट के बारे में जानकारी दी गई है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से कांग्रेस के पास 842 बिलियन डॉलर वाले रक्षा बजट के प्रस्‍ताव को मंजूरी के लिए भेजा गया है।

इराक युद्ध के बाद इतना बजट

साल 2024 में पेंटागन इतनी रकम को खर्च करने का मन बनाया है। इराक और अफगानिस्‍तान युद्ध के बाद अमेरिका का रक्षा बजट इस आंकड़ें पर पहुंचा है। ये दोनों ही युद्ध सन् 2000 के दशक के मध्‍य में हुए थे। इन दोनों ही युद्धों में अमेरिका के लाखों सैनिक भारी लाव-लश्‍कर के साथ मोर्चे पर तैनात थे। अब जब एक बार बजट फिर से बढ़ने की तरफ है तो माना जा रहा है कि अमेरिका हथियारों पर सबसे ज्‍यादा रकम खर्च करने की तैयारी कर रहा है।

कई रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यूक्रेन जंग में अमेरिकी रक्षा कंपनियों की खामियां खुलकर सामने आ गई हैं। अमेरिका नहीं चाहेगा कि चीन की तरफ से अगर कोई खतरा हुआ तो फिर उसे नुकसान हो। चीन की तरफ से अंतरिक्ष में भी अब अमेरिका को चुनौती मिलने लगी है। अंतरिक्ष में चीन की हाइपरसोनिक क्षमताओं में भी काफी इजाफा हो रहा है।
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क्‍या मिलेगी इस बजट को मंजूरी
पेंटागन के कंपट्रोलर माइकल मैकॉर्ड ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि अगर महंगाई पर नजर डालें तो यह बजट निश्चित तौर पर पांच सालों से पहले ही एक खरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। उनकी मानें तो रक्षा बजट में इतना इजाफा काफी एतिहासिक है। हालांकि देश का रक्षा बजट देश की जीडीपी का सिर्फ तीन फीसदी ही है।

मैकॉर्ड ने कहा कि अगर इसकी तुलना द्वितीय विश्‍व युद्ध से की जाए तो पता लगता है कि यह जीडीपी से काफी कम है। बाइडेन की तरफ से पिछले हफ्ते बजट का प्रस्‍ताव भेजा गया है जिसमें 6.8 खरब डॉलर के रक्षा खर्च की मंजूरी मांगी गई है। रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि वह इस बजट को मंजूरी नहीं देगी। लेकिन अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि पेंटागन के प्रस्‍ताव पर कांग्रेस किस तरह से प्रतिक्रिया देगी।
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गोला-बारूद से लेकर मिसाइल तक
अमेरिका के रक्षा बजट में इस बार गोला-बारूद के उत्‍पादन को तेज करने को प्राथमिकता दी गई है। मैकॉर्ड के मुताबिक यूक्रेन जिस तेजी से 155 हॉवित्‍जर का प्रयोग कर रहा है उससे साफ पता लगता है कि अमेरिका के रक्षा उद्योग को जहां होना चाहिए, यह वहां पर नहीं है। उन्‍होंने कहा कि यह अमेरिका के लिए एक सबक है।

इस बजट का लक्ष्‍य यह सुनिश्चित करना है कि चीन की आक्रामकता और उसके खतरों का कोई असर नहीं पड़े। बाइडेन प्रशासन की तरफ से 30 अरब डॉलर की मंजूरी कांग्रेस से मांगी गई है ताकि वह ज्‍यादा से ज्‍यादा मिसाइल तैयार कर सकें। इसके अलावा हवाई, अंतरिक्ष और परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने के लिए 38 अरब डॉलर की मंजूरी मांगी गई है। इसके अलावा बी-21 स्‍टेल्‍थ बॉम्‍बर और जमीन से लॉन्‍च होने वाली इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलों को भी रखा गया है।

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