मिनटमैन 3 मिसाइल की जगह सेंटीनल
अमेरिकी वायुसेना अभी सेंटीनल मिसाइल पर एक ही वारहेड लगाने की तैयारी में है लेकिन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल को देखते हुए इस वॉरहेड की संख्या को 2 या 3 किया जा सकता है। इस NGRV में भविष्य में बनने वाले वॉरहेड को भी फिट किया जा सकेगा। यह परियोजना अमेरिका की लंबे समय से जमीन आधारित अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को बदलने के प्रयासों का हिस्सा है। इससे पहले अप्रैल में खबर आई थी कि अमेरिका अपनी मिनटमैन 3 मिसाइल की जगह पर LGM-35A सेंटीनल मिसाइल को तैनात करने जा रहा है।
मिनटमैन मिसाइल कोल्ड वॉर के जमाने की है। अमेरिका अपने आधुनिकीकरण योजना को साल 2029 तक पूरा करना चाहता है। सेंटीनल मिसाइल साल 2070 के दशक तक सेवा में बनी रहेगी। इस नई मिसाइल में सुरक्षा उपाय, गाइडेंस सिस्टम और वार करने की ताकत को बढ़ाया गया है। मिनटमैन के मुकाबले सेंटीनल मिसाइल में खासियत यह है कि साइलो के अंदर ही वारहेड की मरम्मत की जा सकती है। इससे वह दुश्मन की पकड़ में नहीं आती है और कम लोगों की भी जरूरत होती है। अमेरिका यह तैयारी ऐसे समय पर कर रहा है जब चीन और रूस दोनों ही बड़े पैमाने पर हाइपरसोनिक मिसाइलें बना रहे हैं। वहीं अभी अमेरिका इस दौड़ में काफी पीछे हो गया है। हाइपरसोनिक मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम से नष्ट नहीं किया जा सकता है।