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भारत और चीन के नागरिकों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
अगर वीजा की इन दो कैटेगरी की फीस में बढ़ोतरी होती है तो भारत और चीन के लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इसकी वजह है कि भारत और चीन से काफी लोग इन दो कैटेगरी में अमेरिका के लिए वीजा लेते हैँ। रिपोर्ट बताती हैं कि एच-1बी वीजा लगभग के लगभग 70 और प्रत्येक वर्ष जारी किए गए स्थायी निवास परमिट के आधे के लिए जिम्मेदार हैं। भारतीय नागरिक अमेरिका के आईटी और फॉर्मा जैसी कंपनियों में बड़ी संख्या में काम करते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, अमेरिका में 1280000 भारतीय एनआरआई, 3180000 भारतीय पीआईओएस और 4460000 ओवरसीज भारतीय रहते हैं। ये नागरिक वहां से कमाई का बड़ा हिस्सा भारत में रहने वाले अपने परिवारजनों को भी भेजते हैं, जिससे सरकार को विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखने में मदद मिलती है।
जानिए कितना महंगा हो जाएगा वीजा लेना
अगर प्रशासन के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो अमेरिका का वीजा लेना काफी महंगा हो जाएगा। अभी H-1B वीजा के लिए प्री-रजिस्ट्रेशन फीस करीब 10 डॉलर है। प्रस्ताव में इस फीस को 10 डॉलर से बढ़ाकर 215 डॉलर करने की मांग की गई है। अगर ऐसा होता है तो इससे वास्तविक याचिका शुल्क में भी 70 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जबकि इंट्रा-कंपनी ट्रांसफर के लिए एल1 वीज़ा की फीस में 201 प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा। ऐसे में निवेश से जुड़े ग्रीन कार्ड चाहने वाले लोगों को ही शुरुआती आवेदन के लिए ही 11160 डॉलर तक खर्च करने पड़ जाएंगे।
कंपनियों पर बढ़ जाएगा बोझ
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इमिग्रेशन लॉ फर्म लॉक्वेस्ट की मैनेजिंग पार्टनर पूर्वी छोटानी ने बताया कि इस नए शुल्क नियम से नियोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। खासतौर पर इसलिए क्योंकि फीस तेजी से बढ़ने की संभावना है। अगर ये बढ़ोतरी फाइनेंशियल ईयर 24 के लिए एच-1बी कैप फाइलिंग सीजन से पहले लागू की जाती है, तो इसका असर आगामी सीएपी फाइलिंग पर भी पड़ेगा।
फंडिंग में आई थी गिरावट
बता दें कि यूएससीआईएस को अपनी फंडिंग का लगभग 96% फाइलिंग फीस से ही हासिल होता है। कोरोना काल के दौरान वीजा फाइलिंग में कमी आई थी। इसके चलते फंडिंग में 40 फीसदी तक की गिरावट आ गई थी। हालांकि अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो ये कुछ भारतीय आवेदकों के लिए फायदेमंद भी होगा। ये वो भारतीय आवेदक हैं जो मौजूदा समय में बी1/बी2 पर्यटक वीजा के लिए करीब 1,000 दिनों के वेटिंग पीरियड का सामना कर रहे हैं।
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