Home Life Style Varuthini Ekadashi 2025: वरुथिनी एकादशी 2025 आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ योग व मुहूर्त

Varuthini Ekadashi 2025: वरुथिनी एकादशी 2025 आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ योग व मुहूर्त

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Varuthini Ekadashi 2025: आज वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जा रहा है और इस दिन भगवान विष्णु अर्चना करके व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पद्म पुराण में बताया गया है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य …और पढ़ें

वरुथिनी एकादशी 2025 आज

हाइलाइट्स

  • वरुथिनी एकादशी का व्रत आज किया जा रहा है.
  • व्रत से मोक्ष और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
  • पूजा मुहूर्त: सुबह 4:20 से 3:56 तक.

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है और पुराणों में इस व्रत को मोक्षदायक कहा गया है. वरुथिनी एकादशी का व्रत हर वर्ष वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि आज है. वरुथिनी एकादशी को वरूथिनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है और शास्त्रों में इस व्रत को मोक्षदायक कहा गया है. पद्म पुराण में बताया गया है कि जो भी भक्त सच्चे मन में एकादशी के दिन पूजा पाठ करके व्रत करता है, उसको जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी का महत्व और पूजा विधि…

वरुथिनी एकादशी 2025 महत्व
वैसे तो सालभर में 26 एकादशियों का व्रत किया जाता है लेकिन वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से सभी तरह के दुख, कष्ट व दरिद्रता दूर होती है. पद्म पुराण में बताया गया है कि इस व्रत के करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन व्रत करके दान पुण्य करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता है. मान्यता है कि जितना पुण्य स्वर्ण दान, हजारों वर्षों की तपस्या या कन्यादान करने से मिलता है, उससे अधिक फल वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मिलता है.

आज वरुथिनी एकादशी 2025 का व्रत
एकादशी तिथि का प्रारंभ – 23 अप्रैल, शाम 4 बजकर 43 मिनट से
एकादशी तिथि का समापन – 24 अप्रैल, दोपहर 2 बजकर 32 मिनट तक
उदिया तिथि को मानते हुए वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल 2025 दिन गुरुवार को किया जाएगा.
पारण का समय – 25 अप्रैल 2025, दिन शुक्रवार सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 8 बजकर 27 मिनट तक.

वरुथिनी एकादशी 2025 व्रत पूजा मुहुर्त और शुभ योग
वरुथिनी एकादशी 2025 के दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं. इन शुभ योग में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी.

वरुथिनी एकादशी पूजा मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 56 मिनट तक

वरुथिनी एकादशी 2025 पूजा विधि
वरुथिनी एकादशी के दिन यानी आज ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें और चारों तरफ गंगाजल से छिड़काव करें. इसके बाद पंतामृत से अभिषेक करें और चंदन, अक्षत, रोली, धूप, फूल, तुलसी आदि पूजा से संबंधित चीजें अर्पित कर दें. इसके बाद विष्णु सहस्रनाम या नारायण कवच का पाठ करें. फिर कपूर और गाय के घी का दीपक जलाकर आरती करें. वरुथिनी एकादशी 2025 के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. फिर शाम के समय में भी भगवान विष्णु की आरती करें और रात्रि जागरण करें. फिर अगले दिन यानी द्वादशी तिथि में ब्राह्मण भोज करें और फिर पारण करें.

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वरुथिनी एकादशी 2025 आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ योग व मुहूर्त



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