Home National VIDEO: कूड़े के ढेर, मुंह मारते सुअर और कहां गया एंट्री टैक्स का पैसा? ‘मिनी इजरायल’ का हाल देखकर शर्म से झुक जाएगा सिर!

VIDEO: कूड़े के ढेर, मुंह मारते सुअर और कहां गया एंट्री टैक्स का पैसा? ‘मिनी इजरायल’ का हाल देखकर शर्म से झुक जाएगा सिर!

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VIDEO: कूड़े के ढेर, मुंह मारते सुअर और कहां गया एंट्री टैक्स का पैसा? ‘मिनी इजरायल’ का हाल देखकर शर्म से झुक जाएगा सिर!

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Kasol Garbage Viral Video: कसोल, कुल्लू में कूड़े के ढेर से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. प्रशासन ने सफाई शुरू की है और एमआरएफ साइट की मंजूरी मिली है. अगले 6 महीनों में कूड़ा निपटाने का प्लांट बनेगा.

कूड़े के ढेर, मुंह मारते सुअर! 'मिनी इजरायल' का हाल देखकर हो जाएंगे शर्मसार

कसोल में कूड़े के ढेर को अब साफ किया जा रहा है.

हाइलाइट्स

  • कसोल में कूड़े के ढेर से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.
  • प्रशासन ने सफाई शुरू की, 6 महीनों में प्लांट बनेगा.
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने प्रशासन का ध्यान खींचा.

कुल्लू. सड़क किनारे कूड़े के ढेर. उस पर सुअर और कौए मुंह मार रहे हैं. देवदार के घने जंगल के बीच की यह तस्वीर टूरिस्ट का सुकून देने वाले हिमाचल प्रदेश की है. हालांकि, तस्वीर सुखद नहीं है और शर्मसार करने वाली है. क्योंकि प्रदेश की मिनी इजरायल कहलाने वाली इस घाटी की सुंदरदता को ग्रहण लग चुका है. वीडियो भी अब इसकी गवाही दे रहे हैं. मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कसोल का है.

जानकारी के अनुसार, कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल के जंगलों में भारी मात्रा में कूड़ा डंप किया गया है. होटलों से निकले इस कचरे को सड़क किनारे डंप किया गया है. प्रशासन की नींद भी वीडियो सामने आने के बाद टूटी है. प्रशासन ने इस कचरे को हटाने का काम शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि पिछले 2-3 साल से कसोल के जंगल में भारी मात्रा में कूड़ा जमा हो गया था, जिससे पर्यावरण और पेड़-पौधों को काफी नुकसान हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया.

कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल के जंगलों में भारी मात्रा में कूड़ा डंप किया गया है.

डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि मणिकर्ण घाटी में कूड़े की समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार से एमआरएफ साइट की मंजूरी मिल गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निपटाने के लिए प्लांट स्थापित किया जाएगा. हीलिंग हिमालय के सहयोग से कूड़ा निपटाने का काम किया जाएगा और अगले 6 महीनों में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.



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