नई दिल्ली. संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान मणिपुर संकट पर हंगामे के बीच, राज्यसभा में गुरुवार को एक हल्का क्षण देखा गया जब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने क्लासिक बॉलीवुड वाली अपनी अनूठी शैली में सदन को संबोधित किया.
सिनेमैटोग्राफी (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान, अठावले ने एक कविता सुनाकर विधेयक के साथ-साथ सदन के सामान्य माहौल पर टिप्पणी की. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सिनेमा का इतना बहुत अच्छा आ गया है बिल… लेकिन हमारे मल्लिकार्जुन खड़गे, जो इस सदन के खलनायक हैं, वो यहां नहीं हैं… इसलिए मुझे हो रहा है फील… (सिनेमैटोग्राफी बिल पेश किया गया है, हालांकि खड़गे, ‘खलनायक’ यहां सदन में नहीं हैं, इसलिए मैं महसूस कर सकता हूं…).” इसके बाद सदन में हंसी गूंज उठी.
खड़गे पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री अठावले की टिप्पणी मणिपुर विरोध के बीच उच्च सदन से विपक्ष के बहिर्गमन के संदर्भ में थी. कुछ ही देर बाद सदन के उपाध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री को रोका. उन्होंने मजाक में टिप्पणी की कि विषय सिनेमा है, लेकिन अगर अठावले कविता पढ़ना जारी रखेंगे, तो यह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा.
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख अठावले ने आगे कहा, ‘…2024 में इंडिया की रात होगी काली… इसलिए इस बिल के लिए मैं अनुराग ठाकुर को देता हूं ताली…”(2024 में इंडिया को हार का सामना करना पड़ेगा और मैं ठाकुर को बिल के लिए बधाई देता हूं).’ उन्होंने बिल का बचाव करते हुए और उसकी प्रासंगिकता का हवाला देते हुए अपना बाकी संबोधन भी उसी अंदाज में जारी रखा.
सिनेमैटोग्राफी (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित
इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय फिल्म उद्योग में पायरेसी के मुद्दे पर अंकुश लगाने के लिए सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 में संशोधन करना है. विपक्ष की मौजूदगी के बिना हुई विधेयक पर चर्चा दो घंटे से अधिक समय तक चली.
गुरुवार को संसद का मानसून सत्र शुरू हुए पूरा एक सप्ताह हो गया, लेकिन एक दिन भी दोनों सदन सही से नहीं चल सका है. दरअसल, विपक्ष चाहता है कि मणिपुर संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद को संबोधित करे और उसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए.
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FIRST PUBLISHED : July 28, 2023, 05:30 IST