हाइलाइट्स
सर्वाइकल कैंसर की मुख्य वजह ह्यूमन पेपिलोमावायरस (human papillomavirus) है.
डॉक्टर 21 से 65 साल के बीच हर महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं.
Pap Smear Test for Cervical Cancer: डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2020 में एक करोड़ लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई है. हर 6 में से एक मौत कैंसर से होती है. इनमें से सबसे ज्यादा संख्या ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों की है. इसके बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा मौत सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से होती है. डब्ल्यूएचओ के ही आंकड़ों के मुताबिक सर्विकल कैंसर से हर साल 5.30 लाख महिलाओं की मौत होती है. सर्वाइकल कैंसर की सबसे बड़ी वजह एचपीवी वायरस है. चिंता की बात यह है कि यह वायरस कई वर्षों तक महिलाओं के प्रजनन अंगों में निष्क्रिय रहकर फिर से सक्रिय हो सकता है. यही कारण है कि डॉक्टर 21 साल की उम्र से अधिक की सभी महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह देते है.
पैप स्मीयर टेस्ट या पैट टेस्ट महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए किया जाता है. इस टेस्ट के लिए महिलाओं की सर्विक्स से कोशिकाओं से सैंपल निकाला जाता है और इसका विश्लेषण किया जाता है. इससे महिलाओं के प्रजनन अंगों में अन्य चीजों के बारे में पता लगाया जा सकता है.
क्यों करानी जरूरी है सर्वाइकल कैंसर की जांच
मायो क्लिनिक के मुताबिक महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी है जिसमें अधिकांश मरीजों की मौत हो जाती है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के प्रजनन अंगों यानी गर्भाशय के मुंह पर होता है. सर्वाइकल कैंसर की मुख्य वजह ह्यूमन पेपिलोमावायरस (human papillomavirus) है. यह वायरस फिजिकल रिलेशन बनाने वाली हर महिला में होता है. आमतौर पर इम्यून सिस्टम इस वायरस को खत्म कर देता है या रहता भी है तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. लेकिन किसी-किसी महिलाओं में यह वायरस गर्भाशय ग्रीवा के पास लंबे समय तक निष्क्रिय हो जाता है और वर्षों बाद कभी भी सक्रिय हो जाता है. पैप स्मीयर टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि यह वायरस भविष्य में कैंसर तो नहीं दे सकता. अगर वायरस में कैंसर फैलाने की क्षमता होती है तो इसे हटाकर महिलाओं को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है.
किसे कराना चाहिए यह टेस्ट
आमतौर पर डॉक्टर 21 से 65 साल के बीच हर महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. हालांकि यह डॉक्टर बताते हैं कि पैप स्मीयर टेस्ट कराने का समय क्या है. आमतौर पर प्रति तीन साल में एक बार यह टेस्ट कराने के लिए कहा जाता है. 30 साल से उपर की महिलाओं को एचपीवी टेस्ट के साथ प्रति पांच साल में एक बार यह टेस्ट जरूर कराना चाहिए. लेकिन अगर महिलाओं में गर्भाशय से संबंधित जटिलताएं हैं तो डॉक्टर जल्दी-जल्दी भी यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. अगर इम्यून सिस्टम कमजोर है, एचआईवी है, स्मोकिंग करती हैं, स्टेरॉयड का इस्तेमाल करती हैं तो ऐसी महिलाओं को जल्दी-जल्दी जांच की जरूरत पड़ती है.
जांच में क्या होता है
पैप स्मीयर टेस्ट में महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं को निकाला जाता है और उसकी जांच की जाती है. इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर संभावित प्रीकैंसर कोशिकाओं को काटकर हटा भी देती हैं. इस टेस्ट से गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में किसी असामान्य बदलावों का पता लगाना होता है ताकि यह पता लगाया जा सके भविष्य में सर्विक्स में कैंसर होने का खतरा तो नहीं है. चूंकि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण सालों तक बाहर नहीं दिखते, इसलिए इस टेस्ट को नियमित रूप से कराने की जरूरत पड़ती. इससे लाखों महिलाओं की जान बचाई जा सकती है. हालांकि सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन आ गई और सरकार टीनएज में ही इस वैक्सीन को देने की योजना बना रही है.
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Tags: Cancer, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 08, 2023, 06:40 IST