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Workout For Menopause: मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जिससे हर महिला को होकर गुजरना पड़ता है। यह महिलाओं की उम्र का एक ऐसा पड़ाव होता है,जब उन्हें पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। ज्यादातर महिलाओं को मेनोपॉज 45 से 50 साल की उम्र में शुरू हो जाता है। मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं। जिससे उसे कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बता दें, मेनोपॉज के बाद महिलाओं को मूड स्विंग,हॉट फ्लैशेज,तनाव,थकान, मांसपेशियों में दर्द,हेयर फॉल,स्किन से जुड़ी समस्याएं और वजाइनल ड्राइनेस जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इस समय अपना मेनोपॉज का सफर तय कर रही हैं तो अपने इस सफर को आसान बनाने के लिए अपने रूटिन में ये दो आसान योगासन को जरूर शामिल करें।
सुखासन-
सुखासन मेनोपॉज की समस्याओं को कम करके मूड स्विंग और तनाव को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इस योगासन को करने से मांसपेशियां मजबूत होने के साथ जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है। सुखासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर बैठ जाएं। इसके बाद अपनी पीठ को सीधा रखते हुए अपनी आंखों को बंद कर लें। अब अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें और गहरी सांस लें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें। इस दौरान सांस लेते और छोड़ते रहें। इसके बाद आप धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ सकते हैं।
सर्वांगासन-
सर्वांगासन हार्मोनल परिवर्तन के कारण होने वाले मूड स्विंग को कम करके दिमाग शांत और तनाव को दूर करने में मदद करता है। यह आसान कई शारीरिक और मानसिक विकारों को भी दूर कर सकता है। सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधा लेटते हुए अपने पैरों को धीरे-धीरे 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं। अब सिर को आगे लाते हुए ठोड़ी को सीने से सटा लें। ऐसा करते हुए अपने हाथों से कमर को दोनों तरफ से सहारा दें। करीब 30 सेकेंड तक इसी अवस्था में बने रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। आप इस आसन को 3 बार दोबारा कर सकते हैं।