Home Life Style World Arthritis Day 2023: कम उम्र में गठिया के खतरे से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, ये है एक्सपर्ट के सुझाव

World Arthritis Day 2023: कम उम्र में गठिया के खतरे से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, ये है एक्सपर्ट के सुझाव

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World Arthritis Day 2023: कम उम्र में गठिया के खतरे से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, ये है एक्सपर्ट के सुझाव

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World Arthritis Day 2023: आज दुनियाभर में वर्ल्ड आर्थराइटिस डे मनाया जा रहा है। यह खास दिन हर साल 12 अक्टूबर को लोगो के बीच अर्थराइटिस यानी गठिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। आर्थराइटिस एंड रूमेटिज्म इंटरनेशनल द्वारा इस दिन को मनाने की शुरुआत 1996 में हुई थी। दरअसल कुछ साल पहले तक गठिया को बुजुर्गों की बीमारी समझा जाता था। लेकिन आज के समय में लोग बेहद कम उम्र में भी इस रोग से पीड़ित हो रहे हैं। आज दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाला गठिया रोग रुमेटीइड गठिया, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस और ल्यूपस जैसी सूजन से संबंधित है. वहीं दूसरा प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस है जो गठिया का एक सामान्य प्रकार है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। आमतौर पर गठिया के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है। इसके इलाज के तरीके गठिया के प्रकार पर निर्भर करता है।  ऐसे में व्यक्ति अपनी ज्वाइंट हेल्थ को अच्छा बनाए रखने के साथ गठिया के प्रारंभिक लक्षणों को रोकने के लिए क्या कर सकता है, सनार अस्पताल (गुड़गांव) के आर्थोपेडिक्स डॉ. रोहित लांबा से आइए जानते हैं।  

1. स्वस्थ वजन बनाए रखें-

अतिरिक्त वजन जोड़ों, विशेषकर घुटनों, कूल्हों और पैरों पर अतिरिक्त तनाव डालता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से व्यक्ति अपना स्वस्थ वजन बनाए रखने के साथ गठिया के खतरे को भी काफी कम कर सकता है।

2. एक्टिव बने रहें-

नियमित शारीरिक गतिविधि जोड़ों को लचीला बनाए रखती है और उनके आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। इसके लिए तैराकी, पैदल चलना और योग जैसे व्यायाम जोड़ों की सेहत ही नहीं बल्कि पूरे शरीर के लिए अच्छे माने जाते हैं। 

3. जोड़ों को चोट से बचाएं-

जोड़ों की चोटें, यहां तक ​​कि मामूली लगने वाली चोटें भी, जीवन में बाद में गठिया विकसित होने के खतरे को बढ़ा सकती हैं। उचित उपकरण और तकनीकों का उपयोग करके खेल और शारीरिक गतिविधियों के दौरान जोड़ों को सुरक्षित रखें।

4. संतुलित आहार-

जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर आहार आवश्यक है। अपने आहार में भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें। मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड अपने सूजनरोधी गुणों के लिए जाना जाता है और जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

5. दोहराव वाली हरकतों से बचें-

बार-बार दोहराई जाने वाली हरकतें या कुछ जोड़ों का अत्यधिक उपयोग गठिया की समस्या को बढ़ा सकता है। यदि आपके काम में दोहराव वाली हरकतें शामिल हैं, तो तनाव कम करने के लिए नियमित समय पर ब्रेक लें और जोड़ों के अनुकूल व्यायाम का अभ्यास करें।

6. धूम्रपान और शराब का सेवन सीमित करें-

धूम्रपान को रुमेटीइड गठिया की शुरुआत से जोड़कर देखा जाता है, जबकि अत्यधिक शराब के सेवन करने से गठिया के अन्य रूप का खतरा बढ़ सकता है। धूम्रपान छोड़ने और शराब का सेवन सीमित करने से जोड़ों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

7. नियमित स्वास्थ्य जांच-

नियमित चिकित्सा जांच से गठिया के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद मिल सकती है। यदि आपका पहले से ही पारिवारिक इतिहास है या आप अन्य कारकों के कारण अधिक जोखिम में हैं, तो निवारक उपायों के लिए किसी पेशेवर से परामर्श लें।

8. कम स्ट्रेस लें-

लंबे समय तक ज्यादा तनाव लेने से शरीर में सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। जिसका संभावित असर जोड़ों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है। तनाव के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए ध्यान, गहरी सांस लेने या अपनी रूचि का कोई काम करने जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।

9. पर्याप्त नींद-

सिर्फ जोड़ों की सेहत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शरीर की सेहत के लिए गुणवत्तापूर्ण नींद बेहद आवश्यक है। गहरी नींद के दौरान शरीर जोड़ों के ऊतकों की मरम्मत करता है। ऐसे में हर व्यक्ति को यह कोशिश करनी चाहिए कि वो रात को कम से कम 7-9 घंटे की आरामदायक नींद लें।

10. हाइड्रेटेड रहें-

जोड़ों के लुब्रिकेशन के लिए ही नहीं बॉडी को हाईड्रेट रखने के लिए भी उचित मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से जोड़ों का लचीलापन बनाए रखने में मदद मिलती है।

सलाह-

गठिया विभिन्न कारकों से प्रभावित हो सकता है, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इसका खतरा लंबे समय तक टाला जा सकता है। इसके लिए अपना स्वस्थ वजन बनाए रखें, एक्टिव रहें, चोट लगने से जोड़ों की रक्षा करें, संतुलित आहार का सेवन करें, खराब आदतों को अपनाने से बचें, स्ट्रेस से बचें, नियमित स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता दें। 

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