विश्व पुस्तक मेला के दूसरे दिन रविवार होने के चलते पुस्तक प्रेमियों की अच्छी भीड़ देखने को मिली. मेला में पाठकों के साथ-साथ तमाम नए-पुराने लेखक भी जुटे. अपने प्रिय रचनाकार को देखकर पाठक में अलग ही उत्साह था. उधर, भीड़ को देखकर प्रकाशकों के चेहरे भी खिले दिखाई दिए.
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