Home Life Style World COPD Day: किचन का धुआं भी दे सकता है फेफड़े की गंभीर बीमारी, लंग्स हो जाता है डैमेज, कैंसर का भी खतरा

World COPD Day: किचन का धुआं भी दे सकता है फेफड़े की गंभीर बीमारी, लंग्स हो जाता है डैमेज, कैंसर का भी खतरा

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World COPD Day: किचन का धुआं भी दे सकता है फेफड़े की गंभीर बीमारी, लंग्स हो जाता है डैमेज, कैंसर का भी खतरा

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हाइलाइट्स

जो लोग किसी न किसी तरह से तंबाकू का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं उनलोगों को सीओपीडी का खतरा रहता है
सीओपीडी ऐसी बीमारी है जिसमें लंग्स का वायुमार्ग डैमेज होकर सिकुड़ने लगता है

Cause of Lungs Disease COPD: सीओपीडी यानी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ऐसी बीमारी है जिसमें लंग्स का वायुमार्ग डैमेज होकर सिकुड़ने लगता है और इससे ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा पहुंचती है. इस बीमारी के मरीजों को सांस लेने में बहुत अधिक परेशानी हो जाती है. इससे शरीर के अंदर बने हानिकारक गैस कार्बनडायऑक्साइड भी बाहर निकल नहीं पाता है. इस बीमारी में कफ के साथ पीला बलगम या म्यूकस निकलता है और खांसी बहुत होती है. सीओपीडी का मुख्य कारण खतरनाक धुआं है जो कई स्रोतों से शरीर में घुस सकता है. जिन लोगों को सीओपीडी होता है, उनमें हार्ट डिजीज, लंग कैंसर और कई अन्य तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

सीओपीडी के लक्षण

मायो क्लिनिक के मुताबिक सीओपीडी की बीमारी जब होती है तो सांस लेने में दिक्कत होती है. कुछ भी कठिन काम करने पर दम फूलने लगता है. इसमें खांसी और छाती में दर्द भी होता है. क्रोनिक कफ में म्यूकस या बलगम काफी निकलता है. यह पीला, सफेद और ग्रीनिश हो सकता है. सीओपीडी के मरीजों को अक्सर सांस से संबंधित इंफेक्शन होते रहता है. इसमें ताकत की कमी हो जाती है और वजन भी कम हो जाता है. पैर, टखना और जांघ में स्वेलिंग भी हो सकता है.

सीओपीडी के कारण

अमीर देशों में सीओपीडी का मुख्य कारण सिगरेट है. जब इसका धुआं फेफड़े के अंदर लगातार जाता रहता है तब उसे सीओपीडी की बीमारी होती है. दूसरी ओर विकासशील देशों में सीओपीडी का मुख्य कारण है हानिकारक धुआं का शरीर के अंदर जाना. इसमें यदि घर में खाना पकाने के दौरान चूल्हे से धुआं निकलता है और उसे बाहर निकलने के लिए घर में सही तरीके से वेंटीलेशन नहीं है तो ऐसा ज्यादा दिनों तक होने से सीआपोडी हो सकता है. वहीं जो लोग फैक्ट्रियों से निकले धुएं के एक्सपोजर में ज्यादा रहते हैं, उन्हें सीओपीडी का खतरा ज्यादा रहता है. कुछ मामले में यह आनुंवाशिक भी हो सकता है.

इन लोगों का ज्यादा खतरा

जो लोग किसी न किसी तरह से तंबाकू का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं यानी सिगरेट, बीड़ी पीते हैं या तंबाकू खाते हैं, उनलोगों को सबसे अधिक सीओपीडी बीमारी का खतरा रहता है. इसके अलावा अस्थमा के मरीज, केमिकल और हानिकारक डस्ट के पास काम करने वाले लोग, घरेलू धुआं का ज्यादा एक्सपोजर वाले लोगों का इसका खतरा ज्यादा है. वहीं जिन लोगों के नुकट संबंधियों में सीओपीडी है, उन्हें भी इस बीमारी के होने का खतरा रहता है.

कैसे करें बचाव

तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन बेहद हानिकारक है, इसलिए तंबाकू का सेवन छोड़ दें. नियमित रूप से फ्लू की वैक्सीन लगवाते रहें. हानिकारक धुआं वाली जगहों पर न जाएं और घरों में सही तरीके से वेंटिलेशन की व्यवस्था करें. जब धूलकण ज्यादा उड़ते हैं तो उसमें कई तरह के हानिकारक पार्टिकुलेट मैटर होते हैं, उन धूलकणों से बचना भी जरूरी है.

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