World Day For Safety And Health At Work 2025: जितने भी लोग काम करते हैं उनकी एक ही ख्वाहिश होती है कि जहां वो काम कर रहे हैं वह जगह सुरक्षित हो और वहां का माहौल भी हेल्दी हो. इसके साथ ही वर्क प्लेस भी साफ सुथरी हो. लेकिन कई बार वर्कप्लेस पर लापरवाही या सुविधाओं की कमी से हादसे हो जाते हैं. जिसकी वजह से लोगों की यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाती है. इसी के लिए दुनिया भर में 28 अप्रैल को ‘वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क’ मनाया जाता है.
क्यों मनाया जाता है
जब हम डेली वर्क के लिए बाहर निकलते हैं, तो ये हमारा बेसिक राइट होता है कि वर्कप्लेस सेफ हो. कोई भी इंसान रिस्क लेकर जॉब नहीं करना चाहता. ‘World Day For Safety And Health At Work’ इसीलिए मनाया जाता है ताकि दुनियाभर की कंपनीज, सरकारें और ऑर्गनाइजेशन्स वर्कप्लेस सेफ्टी को इंप्रूव करें और वर्कर्स की हेल्थ का ध्यान रखें. इस दिन का मेसेज ये होता है कि छोटा सा सेफ्टी चेंज भी किसी वर्कर की लाइफ को बचा सकता है. साथ ही ये दिन उन वर्कर्स को भी याद करता है जो काम के दौरान एक्सिडेंट्स या बीमारियों का शिकार हुए.
क्या है इसका इतिहास
इतिहास की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने 2003 में पहली बार वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क को आधिकारिक तौर पर मनाना शुरू किया. लेकिन 28 अप्रैल को चुनने के पीछे भी एक खास वजह है. यह तारीख ‘इंटरनेशनल कमेमोरेशन डे फॉर डेड एंड इंजर्ड वर्कर्स’ के साथ जुड़ी हुई है, जिसे ट्रेड यूनियन आंदोलन ने 1996 से मानना शुरू किया था. असल में, यह दिन उन लाखों मजदूरों और कर्मचारियों को समर्पित है जो अपनी नौकरी करते समय दुर्घटनाओं या बीमारियों का शिकार हुए.
क्या है इसका महत्व
एंप्लॉयीज की लाइफ और हेल्थ को प्रोटेक्ट करना
कंपनीज को बेहतर सेफ्टी प्रैक्टिसेस अपनाने के लिए मोटिवेट करना
गवर्नमेंट्स को स्ट्रॉन्ग सेफ्टी लॉज बनाने के लिए अवेयर करना
वर्कप्लेस को हेल्दी और स्ट्रेस-फ्री बनाना
फ्यूचर एक्सीडेंट को प्रिवेंट करने के लिए जरूरी स्टेप्स लेना
क्या है इस साल की थीम
हर साल इस दिन की एक अलग थीम तय की जाती है, जो मौजूदा समय की जरूरतों के मुताबिक होती है. 2025 में वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क की थीम है “स्वास्थ्य और सुरक्षा में क्रांति: कार्यस्थल पर एआई और डिजिटलाइजेशन की भूमिका”.
इसका मतलब है कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल कार्यस्थल को और ज्यादा सुरक्षित और सेहतमंद बनाने में किया जाएगा.
जैसे स्मार्ट हेलमेट्स, सेफ्टी सेंसर, ऑटोमेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम, ये सब भविष्य की सुरक्षा के अहम हिस्से बनेंगे. यह थीम हमें इस बात के लिए तैयार करती है कि हम तकनीक का सही इस्तेमाल करते हुए कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित कर सकें.