हीमोफिलिया एक जेनेटिक परेशानी है जो शरीर में ब्लड के थक्के जमने से रोकता है। इसी के साथ इस परेशानी में छोटी चोट लगने पर भी खूब खून बह जाता है। सही समय पर इस बीमारी का इलाज ना करवाया जाए तो ये जानलेवा साबित होत है। हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। यह हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है। इस आर्टिकल में जानिए क्या है हीमोफीलिया और इसके लक्षण।
गर्मी में गले की खराश से निपटने के लिए अपनाएं ये अचूक नुस्खे, तुरंत मिलेगा आराम
क्या है हीमोफीलिया? (What is Haemophilia)
हीमोफीलिया ब्लड से जुड़ी एक खतरनाक जेनेटिक परेशानी है, जिसमें चोट लगने के बाद खून बहने लगता है। इस बीमारी में खून बहना बंद नहीं होता है। क्योंकि इसमें परेशानी में चोट लगने पर खून का थक्का बनाने की प्रक्रिया होती ही नहीं है। इस परेशानी में अगर समय पर इलाज ना मिले तो ये जानलेवा साबित हो सकती है। ये ब्लीडिंग डिसऑर्डर कुछ क्लॉटिंग कारकों की कमी के कारण होता है और पुरुषों में अधिक आम है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण (Symptoms of Haemophilia)
लंबे समय तक खून बहना
हीमोफिलिया से पीड़ित लोगों को सर्जरी, डेंटल प्रोसेस, या यहां तक कि मामूली कटौती या खरोंच के बाद लंबे समय तक ब्लीडिंग हो सकती है।
जोड़ों का दर्द और सूजन
जोड़ों में बार-बार खून बहने से दर्द, सूजन और अकड़न हो सकती है, खासकर घुटनों, टखनों और कोहनी में।
नाक से खून आना
बार-बार या लंबे समय तक नाक से खून बहना हीमोफिलिया का संकेत हो सकता है, खासकर बच्चों में।
मूत्र या मल में रक्त
हेमोफिलिया वाले व्यक्तियों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल या यूरिन के रास्ते में ब्लीडिंग भी हो सकती है, जिससे मल या यूरिन में खून आ सकता है।
बार-बार चोट आना
जबकि गहरी चोट से ज्यादा ब्लीडिंग होती है तो ये हीमोफिलिया की पहचान है, इस स्थिति वाले व्यक्ति भी आसानी से और बार-बार चोट लग सकते हैं।
यह भी पढ़ें: गर्मी में इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए रोजाना पीएं ये ड्रिंक, मौसमी बीमारी से रहेंगी दूर