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हाइलाइट्स
हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.
इस वर्ष वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम ‘हेल्थ फॉर ऑल’ रखी गयी है.
World Health Day 2023: हर वर्ष 7 अप्रैल को दुनियाभर में WHO के द्वारा वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है. स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही रिसर्च व नई दवाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन इस दिन (World Health Day 2023) का आयोजन करता है.
वर्ल्ड हेल्थ डे यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत डब्ल्यूएचओ की नींव रखने के दिन के रूप में की गई थी. हर साल इस दिन के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है और उसी के आधार पर इस दिन होने वाले कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है. तो आइये आपको बताते हैं कि इस दिन का इतिहास और इसको मनाने का उद्देश्य क्या है.
वर्ल्ड हेल्थ डे का इतिहास व महत्त्व
स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, कमजोर लोगों की सेवा करने और दुनिया को सुरक्षित रखने के उद्देश्य के साथ, वर्ष 1948 में दुनिया के तमाम देशों ने एक साथ मिलकर WHO की नींव रखी थी. जिससे हर व्यक्ति हेल्दी रह सके. इसी दिन विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत डब्ल्यूएचओ के फाउंडेशन डे के रूप में की गयी थी. इसके दो वर्ष के बाद 1950 में पहली बार विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया गया था, जिसका क्रम आज भी जारी है.
वर्ल्ड हेल्थ डे थीम 2023
WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन हर वर्ष वर्ल्ड हेल्थ डे के लिए थीम निर्धारित करता है और इस दिन को उसी थीम के आधार पर मनाया जाता है. इस वर्ष वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम “हेल्थ फॉर ऑल” (Health for All) रखी गयी है. जो कि इस सोच को दर्शाती है कि स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार है. जब भी किसी को स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जो भी मदद चाहिए, वो बिना किसी वित्तीय कठिनाइयों के उसको मिलनी चाहिए.
WHO की है 75वीं वर्षगांठ
इस वर्ष WHO अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस दिन को खास बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ सार्वजनिक स्वास्थ्य सफलताओं का आंकलन भी करेगा, जिन्होंने पिछले सात दशकों के दौरान जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है.
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WHO के अनुसार ऐसी है वर्ल्ड की हेल्थ कंडीशन
1. डब्ल्यूएचओ के अनुसार दो अरब लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास हेल्थ पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं.
2. विश्व भर में तकरीबन 930 मिलियन लोगों को अपने घरेलू बजट का दस प्रतिशत या इससे ज्यादा हेल्थ पर खर्च करना पड़ रहा है. जिसके चलते उनकी फाइनेंशियल कंडीशन खराब हो रही है.
3. विश्व की 30 प्रतिशत आबादी अब तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं तक भी नहीं पहुंच सकी है.
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Tags: Health, Lifestyle, Trending news, WHO
FIRST PUBLISHED : April 06, 2023, 15:03 IST
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