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दुनियाभर में मार्च के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में किडनी की बीमारियों को लेकर सतर्क करना है। साल 2024 में किडनी डे की थीम है किडनी हेल्थ फॉर ऑल। थीम का उद्देश्य हर बैकग्राउंड और लोगों तक किडनी को हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी दवाओं और सुविधाओं को पहुंचाना है। किडनी के प्रति फैल रही इतनी जागरुकता के बीच जानना जरूरी है कि कहीं आपकी किडनी तो कमजोर नहीं हो रही। क्योंकि किडनी की बीमारी के शुरुआती चरण में लक्षण काफी कम देखने को मिलते हैं। लेकिन दिख रहे इन लक्षणों को इग्नोर ना करें और जांच करवाएं। तो चलिए जानें वो कौन से लक्षण हैं जो बताते हैं कि किडनी कमजोर हो गयी है।
किडनी का काम
किडनी शरीर का बहुत ही जरूरी अंग है। इसकी मदद से ही शरीर से निकलने वाले बेकार, गंदे प्रोडक्ट बाहर निकलते हैं। गंदा तरल पदार्थ, टॉक्सिंस खून से छानकर किडनी अलग करती है और यूरिन में बदलकर शरीर के बाहर निकालती है। केवल टॉक्सिंस ही नहीं बल्कि किडनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करती है। ब्लड प्रेशर को बैलेंस करने में मदद करती है और रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन भी करती है। जिससे पूरी बॉडी हेल्दी बनी रहती है। इसलिए किडनी के ठीक से काम ना करने पर शरीर बीमार पड़ने लगता है।
अगर शरीर में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो समझें कि किडनी खराब हो रही। किडनी अगर ठीक से फिल्टरेशन का काम नहीं करती है तो शरीर में वेस्ट जमा होने लगता है। किडनी फंक्शन कितनी मात्रा में काम कर रहा है। लक्षण इसी बात पर टिके होते हैं। किडनी के खराब होने पर ये लक्षण दिखते हैं।
मिचली
उल्टी
भूख ना लगना
थकान और कमजोही
नींद ना आने की समस्या
पेशाब बार-बार होना या बहुत कम होना
दिमाग की एकाग्रता में कमी
मांसपेशियों में दर्द
पैर, एड़ियों में सूजन
ड्राई और खुजली वाली स्किन
ब्लड प्रेशर हाई रहना, जिसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा
सांस लेने मे तकलीफ, जिसका कारण फेफड़ों में तरल पदार्ध का बनना है।
सीने में दर्द, इसका कारण हार्ट के किनारों पर फ्लूइड बनना होता है।
हालांकि ये लक्षण कई बार दूसरी बीमारियों के भी हो सकते हैं क्योंकि किडनी में इस तरह के लक्षण क्रॉनिक स्टेज में आ जाते हैं। जिन्हें ठीक करना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे रखें किडनी का ख्याल
-दिनभर में 7-8 गिलास पानी पिएं
-हेल्दी और बैलेंस डाइट खाएं। जिसमे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो। साथ ही -नमक और चीनी की मात्रा पर पूरी तरह से कंट्रोल रखें।
-ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को हमेशा कंट्रोल में रखने की कोशिश करें।
-स्मोकिंग, अल्कोहल से दूरी जरूरी है।
Kidney Disease: किडनी को बीमार होने से बचाना है तो डाइट में कर लें ये बदलाव