हाइलाइट्स
ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी होने पर शरीर की हड्डियों में तेज दर्द होने लगता है.
50 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.
How To Detect Osteoporosis: ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी बीमारी होती है, जिसमें लोगों की बोन मास डेंसिटी (BMD) कम हो जाती है. इससे हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं और चलते-फिरते हड्डियों में फ्रैक्चर होने लगता है. यह बेहद गंभीर बीमारी है और इसका खतरा 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को सबसे ज्यादा होता है. ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से सबसे ज्यादा फ्रैक्चर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में होते हैं. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को हड्डियों में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है. यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है और महिला-पुरुष दोनों इसका शिकार हो सकते हैं. हर साल 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (World Osteoporosis Day) मनाया जाता है. इस खास मौके पर डॉक्टर से जानेंगे कि क्या होता है जब किसी व्यक्ति को ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हो जाती है और इसकी पहचान कैसे की जा सकती है.
फोर्टिस हॉस्पिटल (ग्रेटर नोएडा) के ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. भरत गोस्वामी के मुताबिक उम्र के साथ लोगों की बोन मास डेंसिटी (BMD) कम होने लगती है. हमारी हड्डियों के दो पार्ट होते हैं- पहला पार्ट ऑर्गनिक और दूसरा पार्ट इनऑर्गनिक. ऑर्गनिक पार्ट को प्रोटीन और इनऑर्गनिक पार्ट को कैल्शियम व विटामिन D कहा जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस की कंडीशन में लोगों की हड्डियों की प्रोटीन्स और ऑर्गनिक पार्ट दोनों कम हो जाते हैं. इससे पूरे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस होने पर लोगों के शरीर की सभी हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है. खासतौर से जिन हड्डियों पर ज्यादा वजन आता है, उन जॉइंट्स में ज्यादा दर्द होता है. आमतौर पर लोगों की स्पाइन, हिप और पैरों के जॉइंट्स में तेज दर्द होने लगता है.
ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान कैसे करें?
डॉ. भरत गोस्वामी कहते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी होने पर शरीर की हड्डियों में दर्द होने लगता है. सबसे ज्यादा परेशानी स्पाइन और जॉइंट्स में आने लगती है. नॉर्मल काम करने के दौरान हड्डियों में फ्रैक्चर होने लगता है. बैक पेन और हिप पेन भी इस बीमारी का लक्षण हो सकता है. 50 साल की उम्र के बाद सभी लोगों को अपना बोन मास डेंसिटी चेकअप करवाना चाहिए. खासतौर से महिलाओं को यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि उन्हें इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है. इसकी वजह हॉर्मोनल इश्यू होते हैं. मेनोपोज के बाद फीमेल्स को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है. हालांकि युवा भी इस परेशानी का शिकार हो सकते हैं. इसलिए हड्डियों में दर्द होने पर डॉक्टर से मिलकर जांच करवानी चाहिए.
किस तरह करें इस बीमारी से बचाव?
डॉक्टर की मानें तो ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं, ताकि उन्हें दर्द से राहत मिल सके. हालांकि खाने-पीने समेत कुछ सावधानी बरती जाएं, तो अधिकतर लोग ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने में कामयाब हो सकते हैं. पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी लें, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाएं, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ लें. इसके अलावा आपको विटामिन डी सप्लीमेंट या डेली मल्टीविटामिन लेने की भी आवश्यकता हो सकती है. नियमित रूप से वजन उठाने वाले व्यायाम करें. स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं. इसके अलावा समय समय पर अपनी हड्डियों की जांच करवाते रहें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें.
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FIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 09:30 IST