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हाइलाइट्स
टीबी का एक मरीज एक साल में 15-16 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
ट्यूबरक्यूलोसिस की जल्दी जांच होने से इसका बेहतर ट्रीटमेंट हो सकता है.
World TB Day 2023: ट्यूबरक्यूलोसिस, तपेदिक या क्षय रोग ऐसी बीमारी है जिसका आसानी से इलाज मौजूद है लेकिन इस बीमारी का डर आज भी लोगों के अंदर गहरे घुसा हुआ है. यही वजह है कि टीबी के लक्षण हल्का बुखार, दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, बलगम, थकान आदि दिखाई देने के बावजूद लोग टीबी की जांच कराने से डरते हैं और डॉक्टर के पास जाना टालते रहते हैं लेकिन आपको बता दें कि टीबी की जल्दी से जल्दी जांच होना बेहद जरूरी है. अगर यह जल्दी पकड़ में आ जाती है तो यह दुखी नहीं बल्कि खुश होने वाली बात है. इसके तीन बड़े फायदे मरीज और उसके परिवार को मिलते हैं, जो उन्हें मालूम नहीं होते लेकिन आज वर्ल्ड ट्यूबरक्यूलोसिस डे पर दिल्ली एम्स की डॉ. यहां उनकी जानकरी दे रही हैं.
दिल्ली ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (All India Institute of Medical Sciences) के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी में ट्यूबरक्यूलोसिस डिविजन (TB Division) की इंचार्ज, प्रोफेसर डॉ. उर्वशी बी सिंह कहती हैं कि टीबी को लेकर लोगों में एक डर मौजूद है. इसीलिए वे इसकी जांच कराने के लिए नहीं जाते लेकिन जान लें कि जितना आप टीबी की जांच में देरी करेंगे, उतनी ही बीमारी आपको जकड़ती जाएगी. जितनी जल्दी जांच में आपकी टीबी डायग्नोस हो जाएगी, ये दुखी नहीं खुश होने की बात है क्योंकि उसके कई बड़े फायदे आपको और आपके सगे-संबंधियों को मिलेंगे.
1.मात्र 6 महीने में इलाज संभव
आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
अगर जांच में टीबी का पता जल्दी चल जाता है, तो ये आपकी टीबी की बीमारी की अर्ली स्टेज है, ऐसे में इसका इलाज जल्दी शुरू हो जाएगा और 9 महीने के बजाय महज 6 महीने के इलाज में ही आप ठीक हो जाएंगे. फेफड़ों की टीबी के इलाज में आपको दो महीने तक 4 गोलियां और बाकी 4 महीनों में सिर्फ 2 या 3 गोलियां ही रोजाना खानी पड़ेंगी. ऐसे में आपको 3 महीने कम इलाज कराना पड़ेगा.
2. मरीज को होगी कम परेशानी
डॉ. कहती हैं कि टीबी जल्दी डायग्नोस होने पर घातक नहीं रहती. यह एक सामान्य बीमारी की तरह रहती है. मरीज को हल्का बुखार, थकान, खांसी, कफ या बलगम और सीने में कभी-कभी दर्द की समस्या रहती है. इलाज के दौरान वह अपने रुटीन काम भी कर सकता है. ऐसे में मरीज का जीवन सामान्य रहता है लेकिन अगर टीबी का पता लेट चलता है तो घातक हो सकती है. इससे मौत भी हो सकती है.
3. दो हफ्ते के बाद ही TB इन्फेक्शन फैलाना बंद
जल्दी टीबी का पता चलने की सबसे खास बात यही है. टीबी का इलाज शुरू होने के 2 हफ्ते के बाद मरीज की ट्यूबरक्यूलोसि फैलाने की क्षमता खत्म हो जाती है. उसके छींकने खासंने से निकली ड्रॉपलेट्स या एयरोसोल से अन्य लोगों को टीबी का इन्फेक्शन होने की संभावना लगभग न के बराकर होती है.
टीबी का एक मरीज दे सकता है इतने लोगों को बीमारी
ट्यूबरक्यूलोसि का एक मरीज एक साल के अंदर 15-16 अन्य लोगों को भी टीबी की बीमारी दे सकता है. यह एक बड़ी संख्या है. खास बात है कि ये लोग टीबी होने के दो हफ्ते के भीतर भी संक्रमित हो सकते हैं और और अगर इलाज शुरू न किया जाए तो साल भर तक भी हो सकते हैं. ऐसे में टीबी को जड़ से मिटाने के लिए जरूरी है कि टीबी की जल्दी से जल्दी जांच जरूर हो.
सूख चुकी ड्रॉपलेट और हवा से भी फैलती है टीबी
डॉ. उर्वशी कहती हैं कि टीबी भी कोविड की तरह ही फैलती है. यह फेफड़ों वाली टीबी के मरीज के खांसने, छींकने से निकलीं ड्रॉपलेट या एयरोसोल्स से अन्य मरीजों तक जाती है. ध्यान रखने वाली बात है कि टीबी ड्रॉपलेट न्यूक्लियर से भी फैलती है, यानि कि अगर किसी मरीज ने खांसा या छींका है, कई दिन हो गए हैं और ड्रॉपलेट सूख गई है या आसपास की ये हवा में फैल गई है तो भी अन्य लोगों को टीबी का संक्रमण हो सकता है.
हौव्वा नहीं है टीबी, मरीजों को न करें दूर
एम्स की डॉ. उर्वशी बी सिंह कहती हैं कि टीबी की बीमारी कोई हौव्वा नहीं है. यह कोविड से ज्यादा जल्दी कंट्रोल में होने वाली बीमारी है. अभी तक कोविड की दवाएं उपलब्ध नहीं हैं लेकिन ट्यूबरक्यूलोसिस की बेहतरीन दवाएं आ चुकी हैं. कम से कम 6 महीने और अधिक से अधिक डेढ़ से दो साल के अंदर टीबी का ट्रीटमेंट हो सकता है. सबसे जरूरी बात है कि टीबी के मरीजों को दूर न करें, उन्हें नौकरियों से न निकालें, उन्हें घर के अकेले कमरे में कैद न करें. उन्हें बस मास्क पहनाएं, दवा खिलाएं, अच्छा आहार खिलाएं और साथ मिलकर जीनें दें. वे जल्द ही इस बीमारी से मुक्त हो जाएंगे.
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Tags: Health News, Lifestyle, TB, Trending news, Trending news in hindi, World Tuberculosis Day
FIRST PUBLISHED : March 24, 2023, 11:13 IST
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