Sunday, September 1, 2024
Google search engine
HomeHealthWorld TB Day 2023: जहां पकड़ता है, उस अंग को खोखला कर...

World TB Day 2023: जहां पकड़ता है, उस अंग को खोखला कर देता है टीबी, 5 संकेतों को कभी न करें नजरअंदाज


हाइलाइट्स

टीबी के बैक्टीरिया शरीर में तीन चरणों में विकास करते हैं और इन तीनों चरण में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखते हैं.
टीबी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाई दी जाती है

World TB Day 2023: टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो यह शरीर को खोखला कर देता है. 5-6 दशक पहले तक टीबी लाइलाज बीमारी थी जिसे लेकर कैंसर की तरह ही डर होता था. आज टीबी की दवाई उपलब्ध है लेकिन अधिकांश लोगों को टीबी के लक्षण दिखने पर पता ही नहीं चलता कि उसे टीबी भी हो सकता है. इसलिए बहुत दिनों तक इसे बिना इलाज ही छोड़ देते हैं. इसका बहुत ही खतरनाक परिणाम सामने आता है. टीबी बैक्टीरिया के कारण होता है. आमतौर पर यह फेफड़ों को संक्रमित करता है लेकिन यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है. यहां तक कि प्रजनन अंगों में भी इसका बैक्टीरिया पहुंचकर इनफर्टिलिटी को बढ़ा देता है. इसलिए समय रहते टीबी की पहचान जरूरी है.

जिन लोगों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, उसे टीबी होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. टीबी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाई दी जाती है लेकिन कुछ बैक्टीरिया का स्वरूप दवाई से भी ठीक नहीं होता है. शुरुआती दौर में जब किसी को टीबी होता है तो हल्का बुखार और थकान होता है, यही कारण है ज्यादातर लोग शुरुआत में टीबी को पहचान नहीं पाते हैं. यहां हम ऐसे संकेतों के बारे में चर्चा करेंगे जिनसे टीबी को पहचानना आसान हो जाएगा.

टीबी की पहचान के संकेत
मायो क्लिनिक के मुताबिक टीबी के बैक्टीरिया शरीर में तीन चरणों में विकास करते हैं और इन तीनों चरण में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखते हैं.

1. पहला चरण-प्राइमरी टीबी इंफेक्शन-प्राइमरी इंफेक्शन में इम्यून सिस्टम के सेल्स टीबी के जर्म की पहचान कर लेता है और उसे कैप्चर कर मार देता है. लेकिन कुछ जर्म इसके बावजूद बच जाता है. प्राइमरी इंफेक्शन में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखता है. कुछ लोगों में हल्का बुखार, थकान और कफ की शिकायत हो सकती है जो अन्य सामान्य बीमारियों में भी होती है.

2.लेटैंट टीबी इंफेक्शन-प्राइमरी इंफेक्शन के बाद लेटैंट टीबी का स्टेज आता है. इस चरण में इम्यून सिस्टम टीबी के जर्म के चारों ओर एक दीवार बना देता है, इस कारण तब तक जर्म नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन इसके बाद भी जर्म जिंदा रह सकता है. हालांकि इस चरण में कोई लक्षण नहीं दिखता.

3. एक्टिव टीबी -अगर दूसरे चरण के बाद भी टीबी का जर्म जिंदा रह गया तो इम्यून सिस्टम फिर काम नहीं कर पाता है. अब जर्म पूरे फेफड़े में संक्रमण को फैला देता है. लंग्स के अलावा अन्य जगहों पर भी टीबी के बैक्टीरिया पहुंचने लगते हैं. हालांकि इस चरण तक आने में बैक्टीरिया को महीनों या सालों लग जाता है. एक्टिव टीबी के लक्षण इस प्रकार है.

1.बहुत ज्यादा कफ जो सामान्य दवाइयों से ठीक नहीं हो.
2.बलगम से खून आना.
3.छाती में दर्द.
4. सांस लेने में या खांसने में दर्द होना.
5.बुखार होना.
6.ठंड लगना.
7.रात में पसीना आना.
8.भूख नहीं लगना.
9.थकान होना.
10. स्वस्थ्य महसूस नहीं करना.

टीबी का इलाज क्या है
टीबी का शत प्रतिशत इलाज है. हालांकि हकीकत यह है कि अब भी टीबी से लोगों की मौत होती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोग टीबी का इलाज बहुत देर से कराने जाते हैं. लेटेंड स्टेज में ही अगर डॉक्टर के पास पहुंचा जाए या लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क किया जाए एंटीबायोटिक दवाई से टीबी शत प्रतिशत ठीक हो जाता है. इसके लिए चार से पांच महीने दवा खानी पड़ती है. ऐसे में टीबी से संबंधित अगर लक्षण दिखें तो डॉक्टर का पास जाने में संकोच न करें.

इसे भी पढ़ें-लिवर के कोने-कोने से चिपकी गंदगी को निकाल देंगे ये 4 सस्ते फूड, यकृत का फंक्शन हो जाएगा चकाचक, मन भी रहेगा खुश

इसे भी पढ़ें-5 ताकतवर फूड जिसे हार्वर्ड भी मानता है जवानी का खजाना, रोज खाएंगे तो नस-नस में बरकरार रहेगी ताकत, ये है लिस्ट

Tags: Health, Health tips, Lifestyle, TB



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments