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टीबी बैक्टीरिया के कारण होती है। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव फेफडों पर होता है। हालांकि, फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, गले में भी टीबी हो सकती है। ये एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है, हालांकि, सही इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। इस बीमारी से जुड़े सवाल लोगों के मन में अक्सर आते रहते हैं। आज 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। ये दिन बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और टीबी महामारी से निपटने के लिए समय पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल मनाया जाता है। इसी दिन जानते हैं टीबी से जुड़े कुछ कॉमन सवालों के जवाब-
क्या है टीबी?
टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, जो हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे कॉमन फेफड़ों की टीबी ही है। खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदों से यह इन्फेक्शन फैलता है।
क्या छूने से फैलता है टीबी?
कई लोगों का यह मानना है कि टीबी छूने से फैल जाती है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, लिनन या बर्तन को छूने से नहीं फैलता है। एक संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे को भी टीबी हो सकती है। साथ ही, एड्स से ग्रस्त लोग टीबी के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनकी इम्यूनिटी बैक्टीरिया से लड़ने के लिए बहुत कमजोर होती है। अगर टीबी मरीज के पास बैठकर बात की जाए और वह खांस नहीं रहा हो तब भी इसके इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
कैसे होता है शरीर को होता है नुकसान?
टीबी एक खतरनाक बीमारी साबित हो सकती है अगर इसका सही तरह से इलाज ना कराया जाए तो ये शरीर को खराब कर सकती है। अब आप सोच रहें होंगे कि कैसे इसकी वजह से शरीर को नुकसान होता है तो आपको बता दें कि टीबी का बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में होता है, उसके टिशू को पूरी तरह नष्ट कर देता है। रिपोर्ट्स की मानें तो फेफड़ों में टीबी है तो ये फेफड़ों को धीरे-धीरे बेकार कर देती है।
कैस करें इस बीमारी से बचाव
– इम्युनिटी सही रखें
– प्रोटीन डायट लें
– भीड़-भाड़ में जाने से बचें
– कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें
– टीबी के मरीज से थोड़ी दूरी बनाएं
– मरीज मास्क पहनकर रखें
– खांसने या छींकने से पहले मुंह कवर करें
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