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हाइलाइट्स
दुनिया में पहली बार टाइप 1 डायबिटीज की दवा बनकर तैयार हो गई है
2030 से पहले कैंसर की वैक्सीन बन जाने की संभावना है.
Top 5 positive health news in 2022: कोरोना के ढलान के बाद साल 2022 में हेल्थ से जुड़ी कुछ खबरों ने उम्मीद भी जगाई है. कम समय में कोरोना वैक्सीन के इजाद ने कई असाध्य बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन बनाने की योजनाओं में तेजी ला दिया है. एक तरफ जहां फाइजर के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दंपति ने बहुत जल्द कैंसर की वैक्सीन आने की बात कही है, वहीं 2022 में टाइप 1 डायबिटीज की नई दवा ने लाखों पीड़ितों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगाई है. दूसरी तरफ भारत में वैक्सीन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऐलान कर दिया कि वह 2023 की शुरुआत में ही महिलाओं को होने वाली सर्विकल कैंसर की वैक्सीन ले आएंगे. कैंसर के खिलाफ एक और कारगर कदम उठाया गया जिसके तहत एक दवा का अमेरिका में सफल ट्रायल किया गया है. दावा किया जा रहा है कि इस दवा से कैंसर को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए भी यह साल काफी शानदार रहा. वैज्ञानिकों ने हाई ब्लड प्रेशर की एक नई दवा baxdrostat तैयार की है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि इससे अनियंत्रित बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है.
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1. सभी कैंसर की एक वैक्सीन
बायो एन टेक (BioNTech) के को फाउंडर दंपति उगुर साहिन और ओजलेम टुरेसी (Uğur Şahin and Özlem Türeci) ने दावा किया है कि 2030 तक सभी तरह के कैंसर के लिए एक ही वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी. उगुर साहिन और ओजलेम टुरेसी ने फाइजर के साथ मिलकर मैसेंजर आरएनए तकनीकी पर आधारित कोरोना वैक्सीन तैयार किया था. मैसेंजर आरएनए पर आधारित यही टीका अधिकांश अमीर देशों में लगाई गई है. याहू न्यूज के मुताबिक प्रोफेसर ओजलेम टूरेसी दंपति ने बीबीसी के साथ एक कार्यक्रम में बताया कि निश्चित तौर पर हमें लगता है कि कैंसर के इलाज के लिए या कैंसर मरीजों के जीवन को बदलने का इलाज बहुत जल्द हमारी मुट्ठी में होगा. प्रोफेसर उगुर साहिन ने कहा, “कैंसर का टीका कोविड-19 वैक्सीन के विकास के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई सफलताओं पर आधारित होगा.” उन्होंने कहा कि अब सिर्फ 8 साल के भीतर कैंसर का टीका व्यापक रूप से उपलब्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि 2030 से पहले निश्चित रूप से कैंसर का टीका दुनिया में आ जाएगा.
2. टाइप 1 डायबिटीज की नई दवा
टाइप 1 डायबिटीज बच्चों और किशोरों में होने वाली गंभीर बीमारी है. टाइप 1 डायबिटीज में पैन्क्रियाज में इंसुलिन हार्मोन बनता ही नहीं है. इसलिए यह बीमारी अचानक होती है. पर अब दुनिया में पहली बार टाइप 1 डायबिटीज की दवा बनकर तैयार हो गई है. अमेरिकी फुड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इसकी मंजूरी दे दी है. इस दवा का नाम Teplizumab है. इस तरह टाइप 1 डायबिटीज की दवा बहुत जल्दी पूरी दुनिया के लिए हकीकत बन जाएगी. टेपलीजुमैब Teplizumab को Tzield के नाम से बाजार में उतारा गया है. यह दवा टाइप 1 डायबिटीज के लक्षणों को ठीक करने के बजाय बीमारी की जड़ को खत्म कर देती है. यह दवा एक तरह से इम्यूनोथेरेपी है.
3. सर्विकल कैंसर का देसी टीका
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2023 की शुरुआत में ही महिलाओं को होने वाली बीमारी सर्विकल कैंसर का टीका लाने की घोषणा की है. यानी भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) “सीरवावैक”(CERVAVAC)वैक्सीन का उत्पादन 2023 की पहली तिमाही में शुरू होगा. एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि हालांकि कोरोना की वजह से इसमें देरी हो गई लेकिन इसमें हमने नई तकनीकी का इस्तेमाल किया है जो ज्यादा कारगर होगा.
4. हाई ब्लड प्रेशर की नई दवा
वैज्ञानिकों ने हाई बीपी की एक नई दवा baxdrostat तैयार की है जो अनियंत्रित बीपी को कंट्रोल करती है. इस दवा के बारे में अमेरिकन हार्ट ऑफ मेडिसिन की वार्षिक बैठक में बताया गया है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन के मुताबिक ट्रायल में इस दवा का शानदार असर रहा है. baxdrostat ओरल दवा है जो शरीर में सॉल्ट को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को अपना लक्ष्य बनाता है और उसे संतुलित करता है. इस दवा से अनियंत्रित ब्लड प्रेशर को ठीक करने का दावा किया गया है.
5. कैंसर की नई दवा से ठीक हुए मरीज
अमेरिका में कैंसर की एक दवा का ट्रायल जादुई रहा. इस दवा से 18 लोगों को नया जीवन दिया गया. दरअसल, डोस्टरलिमैव (Dostarlimab) नाम की इस दवा ने 18 मरीजों में कैंसर को पूरी तरह ठीक कर दिया है. आज तक कोई ऐसी दवा या तकनीक नहीं थी जिसने कैंसर कोशिकाओं को पूरी तरह से शरीर से खत्म कर दिया हो लेकिन डोस्टरलिमैव ने ऐसा किया है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक डोस्टरलिमैव दवा का ट्रायल 18 मरीजों पर 6 महीने तक किया गया. 6 महीने बाद इन सभी मरीजों में कैंसर के ट्यूमर पूरी तरह खत्म हो गए. हालांकि यह ट्रायल बहुत छोटा था लेकिन इस दवा के असर से वैज्ञानिक उत्साहित हैं और उम्मीद है कि इस दवा का फायदा अन्य कैंसर मरीजों को होगा.
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Tags: Bye Bye 2022, Health, Health News, Lifestyle, Year Ender
FIRST PUBLISHED : December 14, 2022, 06:30 IST
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