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नई दिल्ली. साल 2019 से लेकर कोरोना वायरस अब तक लोगों को परेशान कर रहा है. अधिकांश देशों में भले ही इसके मामले कम सामने आ रहे हैं लेकिन चीन में कोरोना वायरस का बुरा प्रभाव अब भी नजर आ रहा है. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को कैद कर रख दिया. हालांकि दुनिया भर के डॉक्टर और वैज्ञानिक इसको स्थायी तौर पर खत्म करने के लिए दवा खोजने में जुटे हुए हैं. वैसे इस साल कोरोना वायरस के अलावा कई अन्य ऐसे वायरसों ने लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया. लोगों की जानें तक चली गईं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन वायरसों को लेकर तमाम चेतावनियां भी जारी की ताकि लोग इन अलग-अलग वायरसों से सुरक्षित रहे. आपको बताने जा रहे हैं कि इस साल कोरोना वायरस के अलावा और किन वायरसों ने दुनियाभर में तबाही मचाई है.
मंकीपॉक्स वायरस
मंकीपॉक्स वायरस ने कोरोना वायरस की मार को और दोगुना कर दिया. यूरोप सहित कई अन्य देशों में यहां तक कि भारत में भी अपना असर दिखाया, जिसके चलते बहुत से लोगों की जानें चली गईं. मंकीपॉक्स वायरस साल 1958 में पहली बार बंदरों में पाया गया था. वहीं साल 1970 में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था. अमेरिका, यूरोपीय देश, अफ्रीकन देश और साउथ एशिया में मंकीपॉक्स वायरस के मामले इतनी तेजी से बढ़े कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसे महामारी के तौर पर घोषित करना पड़ा. साथ ही इससे बचने के उपाय भी बताने पड़े.
हालांकि कुछ महीनों बाद WHO ने मंकीपॉक्स वायरस का नाम बदलकर एमपॉक्स रख दिया. कोरोना के बाद मंकीपॉक्स एक ऐसा वायरस है, जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचायी है. अब तक दुनियाभर में 110 देशों में संक्रमण के फैलने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं वैश्विक स्तर पर इसे 24 जुलाई 2022 को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था. अब तक कुल 82 हजार से अधिक मामले आ चुके हैं.
लंपी वायरस
जानवरों में फैलने वाले लंपी वायरस के चलते भारत में हजारों जानवर इसके चपेट में आ गए. खासतौर पर राजस्थान में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिला. लंपी वायरस के चपेट में आने के बाद गायों के शरीर पर दाने-दाने निकल आते थे और उन्हें तेज बुखार आ जाता था. देश के अधिकांश राज्य सरकारों ने लंपी वायरस को लेकर गौपालकों को सावधान किया. साथ ही इसके इलाज की सुविधा भी शुरू की.
टोमैटो फ्लू
केरल सहित दुनिया के कई हिस्सों में टोमैटो फ्लू के चपेट में बच्चे आए हैं. टोमैट फ्लू एक दुर्लभ बीमारी मानी जाती है. टोमैटो फ्लू के चपेट में आने वाले बच्चे के अंदर थकान, मितली, दस्त, बुखार, पानी की कमी, जोड़ों के दर्द जैसी शिकायते रहती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है टोमैटो फ्लू उन्हें अपनी चपेट में जल्दी ले लेता है. टोमैटो फ्लू वायरस कॉक्ससैकी वायरस A16 के चलते होती है.
निपाह वायरस
जानवरों से इंसानों में फैलने वाला निपाह वायरस एक जूनोटिक बीमारी है. ये बीमारी चमगादड़ या सूअर व उनके शरीर के सरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से फैलती है. मई, 2018 में केरल में सबसे पहले निपाह वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी. निपाह वायरस के चलते सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आ गए थे. केरल में इसका सीधा असर देखने को मिला था.
जीका वायरस
जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाली एक बीमारी है. यह संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलती है. जीका वायरस के मामले केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पाए गए थे. जीका वायरस में हल्का बुखार, जोडों का दर्द, सिरदर्द, आंखें लाल होना, रैशेज होना और मसल्स में दर्द होने की शिकायत रहती है.
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Tags: Bye Bye 2022, Year Ender
FIRST PUBLISHED : December 15, 2022, 21:34 IST
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