Year Ender 2022: साल 2022 भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के लिए खास नहीं रहा। साल की शुरुआत में साउथ अफ्रीका दौरे पर मिली शर्मनाक हार से बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज हारने तक इस साल टीम इंडिया पर कई बदनुमा दाग लगे। टीम इंडिया की प्रमुख तिकड़ी कप्तान, उपकप्तान और हेड कोच इस पूरे साल टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर निशाने पर रहे। चाहें एशिया कप 2022 की हार हो या फिर टी20 वर्ल्ड कप 2022 का प्रदर्शन कप्तान रोहित शर्मा, उपकप्तान केएल राहुल और हेड कोच राहुल द्रविड़ की आलोचना कई मौकों पर हुई।
खेल तो बिगड़ा और बहुत ही बुरी तरह से बिगड़ा लेकिन सवाल यही है कि आखिर इस साल खेल बिगाड़ा किसने? टीम मैनेजमेंट जिसमें सेलेक्टर्स के साथ कोचिंग स्टाफ भी आता है। या फिर कप्तान व उपकप्तान जिनका टीम सेलेक्शन के साथ-साथ टीम की रणनीतियों में भी पूरा हस्तक्षेप होता है। यह डिबेट है और इसको लेकर काफी आलोचना इस साल देखने को मिली, चाहें फैंस हों या क्रिकेट पंडित सभी ने अलग-अलग राय भी रखीं। अब अगर उन कारणों पर नजर डालें जिसके कारण खेल बिगड़ा, तो वह इस प्रकार हैं:-
अत्यधिक प्रयोग
पिछले साल 2021 टी20 वर्ल्ड कप में हार के बाद रवि शास्त्री ने पद छोड़ा और राहुल द्रविड़ को हेड कोच बनाया गया। विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा भी धीरे-धीरे तीनों फॉर्मेट के कप्तान बन गए। उपकप्तानी मिल गई केएल राहुल को। यहां से शुरू हुआ तिकड़ी का खेल। रोहित और डबल राहुल (राहुल द्रविड़ और केएल राहुल) की तिकड़ी ने अत्यधिक प्रयोग करना शुरू कर दिए। व्हाइट बॉल क्रिकेट में ओपनिंग जोड़ियां बदलती दिखीं। कभी सूर्या तो कभी पंत, कभी हुड्डा तो कभी सैमसन सभी ने ओपनिंग की। ईशान किशन का भी नाम इसमें शामिल है, लेकिन प्रयोग रखे तब रहे गए जब इनमें से कोई भी वर्ल्ड कप में ओपनिंग करता नहीं दिखा जबकि विजन आपका वर्ल्ड कप 2022 ही था।
राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा
इसके बाद ऋषभ पंत का ऑर्डर नहीं तय किया जा सका। कभी ओपनिंग, कभी नंबर 5, कभी नंबर 6 यही चलता रहा। दिनेश कार्तिक से आपको करवाना क्या था यह भी नहीं स्पष्ट हुआ। वर्ल्ड कप के शुरुआती मुकाबलों में उन्हें खिलाया और पंत को बाहर रखा। इसके बाद जब आखिरी दो अहम मैचों की बात आई तो कार्तिक को बाहर कर पंत को टीम में शामिल कर लिया। तो यह अत्यधिक प्रयोग इस साल निशाने पर आई इस तिकड़ी के लिए सबसे बड़ा कारण रहे।
ब्रेक के बाद ब्रेक लेना…
इस साल एक और चीज दिखी भारतीय क्रिकेट में और वो थी कप्तान, हेड कोच और उपकप्तान का ब्रेक लेना। केएल राहुल आईपीएल के बाद चोटिल हो गए और वापस हफ्तों के बाद आए और टी20 टीम के उप कप्तान बन गए। रोहित शर्मा हर सीरीज के बाद ब्रेक लेने लगे। लगातार ब्रेक लेने से टीम में निरंतरता की कमी देखने को मिली। इतना ही नहीं कप्तान और उपकप्तान के अलावा हेड कोच भी ब्रेक लेने लगे। उनकी गैरमौजूदगी में एनसीए चीफ वीवीएस लक्ष्मण को कई बार टीम की कोचिंग करते देखा गया। ऐसे में रणनीतियां भी बदलीं, क्योंकि हर प्रशिक्षक और हर लीडर की अपनी सोच होती है। रोहित और द्रविड़ की गैरमौजूदगी में लक्ष्मण या फिर जितने भी अलग-अलग कप्तान बने उससे टीम का विजन नहीं तय हो पाया। कोई कप्तान आक्रामक रवैया लाया तो कोई रक्षात्मक। करना क्या था यह आखिरी तक तय नहीं हो पाया। इस कारण भी यह तिकड़ी इस साल निशाने पर रही।
केएल राहुल
तो जिन दो कारणों के बारे में ऊपर आपने पढ़ा इन्हीं के कारण रोहित, द्रविड़ और राहुल की तिकड़ी साल 2022 में आलोचकों के निशाने पर रही। इन दों पहलू में ही सारा कुछ आ गया। इसी के कारण टीम के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं आ पाई, टीम का विजन नहीं तय था और खिलाड़ियों को शायद पता ही नहीं था कि कब उन्हें क्या करना है। कप्तान और उपकप्तान का प्रदर्शन सवालों के घेरे में रहा। पावरप्ले में लगातार टीम ने हर मौके पर विकेट गंवाए। ओपनिंग का प्रेशर मध्यक्रम पर भी आया। साथ ही वो आक्रामक रुख भी नहीं दिखा जिसकी बात वर्ल्ड कप से पहले रोहित शर्मा एंड कंपनी करती थी।
इस मामले में उन खिलाड़ियों की बात कर लें अगर जिनके रोल तय थे तो उन्होंने बिना किसी प्रेशर के अच्छा खेला। सूर्यकुमार यादव को पता था कि उनका तरीका क्या है और उन्हें कब आना है तो देख लीजिए पूरे साल में उन्होंने 1400 से अधिक रन बना दिए। विराट कोहली ने भी इस साल फॉर्म में वापसी की और मौके के हिसाब से खुद को ढाल कर परफॉर्म किया। हार्दिक पंड्या ने भी कई मौकों पर बल्ले और गेंद दोनों ने अपना अहम योगदान दिया। इन सबके बीच वो खिलाड़ी नप गए जो अधर में थे जिनको पता नहीं था कि उन्हें आखिरकार करना क्या है, आप समझ गए होंगे बात पंत और कार्तिक जैसों की हो रही।
अब आगे क्या?
टी20 वर्ल्ड कप 2022 में हार के बाद चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन कमेटी को बर्खास्त कर दिया गया। एक्शन हुआ लेकिन अब देखना होगा आगे इसका रिएक्शन क्या होता है। अभी नई कमेटी बननी है और नए सेलेक्टर का टीम सेलेक्शन के लिए क्या रुख होगा यह भी देखना दिलचस्प होगा। पूरे साल कई मांग उठीं, इसी बीच अब विजन 2024 के लिए भी नई मांग उठ रही है युवा टीम की जिसकी अगुआई हार्दिक पंड्या को देने की अटकलें भी हैं। देखना होगा कि बोर्ड इस पर क्या फैसला लेता है। अगले साल वनडे वर्ल्ड कप भी है और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी जिसकी रेस में अभी भारत बना हुआ है। इन दो बड़े ईवेंट के लिए जरूरी होगा कि मैनेजमेंट जल्द से जल्द एक उपयुक्त कॉम्बिनेशन बनाए जिसको उसके रोल पता हों, एक ऐसी रणनीति बने जिस पर लगातार काम किया जाए और निरंतरता लाने के लिए लगातार कोर ग्रुप को साथ रहने की जरूरत है। ऐसा करने पर ही यह तिकड़ी यानी रोहित, द्रविड़ और राहुल खोया हुआ विश्वास पा सकते हैं वरना आने वाले दिनों में कई और बड़े बदलाव दिख सकते हैं।