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खर्राटों की आवाज केवल दूसरों की नींद ही खराब नहीं करता बल्कि ये सेहत के लिए भी नुकसानदेह होती है। खर्राटे नींद में कमी का संकेत देते हैं। साथ ही खर्राटे लेने वालों में हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा होता है। खर्राटों को अगर आप रोकना चाहते हैं तो इन 4 योगासन को अपने डेली रूटीन में शामिल करें। जिससे खर्राटे की समस्या कम हो सके।
भुजंगासन
भुजंगासन करने से चेस्ट की मसल्स रिलैक्स होती है और खुलती है। जिससे फेफड़े ज्यादा तेजी से सांस ले पाते हैं और क्लियर होते हैं। साथ ही ये आसन शरीर में ऑक्सीजन के फ्लो को बेहतर बनाता है और ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है।
धनुरासन
धनुरासन करने से केवल रीढ़ की हड्डी में लचीलापन नहीं आता बल्कि ये डाइजेशन को सुधारने में भी मदद करता है। वहीं जिन लोगों को खर्राटों की समस्या रहती है उन्हें धनुरासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे सांस को रेगुलेट करने में मदद मिलती है और चेस्ट की मसल्स खुलती है। जिससे खुलकर सांस लेना आसान हो जाता है।
भ्रामरी प्राणायाम
जिन लोगों को ध्यान और फेफड़े से जुड़ी दिक्कत होती है। उन्हें भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए। ये गुस्से और तनाव को दूर करने के साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
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उज्जायी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम करने से गले और चेहरे की मसल्स को मजबूती मिलती है। साथ ही स्लीप पैटर्न को सुधारने में मदद मिलती है। उज्जायी प्राणायाम दिमाग को शांत करने में भी मदद करता है। इसलिए उज्जायी प्राणायाम को रूटीन में जरूर शामिल करें।