उधव कृष्ण/पटना. आजकल लोग किसी भी तरह के बिजनेस स्टार्टअप से पहले ढेर सारा रिसर्च जरूर करते हैं. रिसर्च के साथ-साथ मार्केट एनालिसिस भी करते हैं. उसके बाद ही किसी भी काम में लोग अपना हाथ आजमाते हैं. ऐसा भी कह सकते हैं कि आज के जमाने में लोग रिस्क लेते तो हैं, पर वह रिस्क भी कैलकुलेटेड होता है. पर इस खबर के अंदर की कहानी किसी और ही बात को बयां करती नजर आती है.
जानिए क्या है वो बात?
आज से 12 साल पहले साल 2011 में ही नालंदा के 72 वर्षीय इंद्रजीत कुमार ने अपने बेटे के साथ मिलकर भूतनाथ रोड में आवास बोर्ड के पास विद्यार्थी नाश्ता के नाम से एक ठेला लगाना शुरू किया था. बिना किसी रिस्क कैलकुलेशन और रिसर्च के ही ये फूड बिजनेस चल निकला. पिता-पुत्र की कमाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज इसी ठेले से इतनी कमाई होती है कि इस नाश्ते की दुकान पर एक दो नहीं बल्कि 05-06 की संख्या में स्टाफ काम करते हैं. दुकानदार बताते हैं कि उन्होंने स्टाफ में भी कोई ऐसे वैसे आदमी को नहीं रख लिया है. बल्कि, सभी स्टाफ स्किल्ड लेबर हैं, जो अपने काम में दक्ष हैं.
क्या क्या मिलता है यहां?
दुकानदार इंद्रजीत कुमार बताते हैं कि सुबह सवेरे 15 किलो आटे की पूरियां यहां बनती है. इसके अलावा जलेबी, सब्जी और रायता भी तैयार किया जाता है. इंद्रजीत आगे बताते हैं कि सुबह के बाद दिन के 10 बजे से लिट्टी तैयार की जाती है. वहीं, शाम में इसी ठेले पर लोगों को समोसे भी मिल जाते हैं. बताते चलें कि जहां 5 पुरी- सब्जी, 2 जलेबी और रायता की कीमत 30 रुपए है. वहीं, लिट्टी, लॉन्गलत्ता, समोसे आदि की कीमत 10 रुपए प्रति पीस है.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 13:41 IST