शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (MVA) ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ मुंबई में एक विशाल ‘हल्ला बोल’ रैली बुलाई है। MVA की रैली के अलावा भाजपा ने भी विशाल रैली का आयोजन किया है। भाजपा की ओर से इसे जवाबी प्रदर्शन माना जा रहा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में सीएम एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद एमवीए घटकों की ताकत का यह पहला संयुक्त प्रदर्शन है। अधिकारियों ने बताया कि करीब 2,500 पुलिसकर्मी यह सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर मौजूद हैं कि कोई अप्रिय घटना ना हो। MVA का ‘हल्ला बोल’ मार्च रिचर्डसन एंड क्रूडास कंपनी, बायकुला से जेजे फ्लाईओवर के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पहुंचा। जबकि शिंदे कैंप का ‘माफी मांगो आंदोलन’ पूरे मुंबई में आयोजित किया जाएगा।
‘संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के बाद सबसे बड़ा मोर्चा’: एमवीए रैली में उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के बाद से यह सबसे बड़ा मोर्चा है। इससे दिल्ली को एक संदेश जाएगा। यह रैली दिखाती है कि सभी विपक्षी दल महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र से नफरत करने वालों को छोड़कर, सभी राजनीतिक दलों ने मार्च में भाग लिया है। हम महाराष्ट्र के महापुरूषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज और डॉ अम्बेडकर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं। राज्य की जनता महाराष्ट्र विरोधी रुख अपनाने वाली पार्टियों को सत्ता से बेदखल कर देगी।”
क्यों रैली निकाल रहे हैं MVA घटक?
महाराष्ट्र के साथ किए गए ‘अन्याय’, शिवाजी महाराज और महात्मा फुले जैसे राज्य की महान हस्तियों के ‘अपमान’ और कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषियों के खिलाफ ‘अत्याचार’ के साथ ही औद्योगिक परियोजनाओं को राज्य से बाहर ले जाने के खिलाफ एमवीए सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ‘मोर्चा’ (विरोध मार्च) निकाल रहे हैं।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे की सरकार और भाजपा के खिलाफ लोगों का गुस्सा मोर्चा के माध्यम से व्यक्त किया जाएगा। मार्च जे जे अस्पताल के पास से शुरू हुआ और दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर समाप्त होगा। एमवीए के विरोध प्रदर्शन को इस साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिराए जाने के बाद सहयोगी दलों को एकजुट करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
अखाड़े में कूदी भाजपा
मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने घोषणा की कि डॉ. बी आर आंबेडकर और हिंदू देवी-देवताओं का ‘अपमान’ करने के लिए एमवीए से माफी की मांग को लेकर उनकी पार्टी भी मुंबई में ‘माफी मांगो’ विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने आंबेडकर की जन्मभूमि पर विवाद उत्पन्न करने की कोशिश की, जबकि एक अन्य नेता सुषमा अंधारे ने भगवान राम, भगवान कृष्ण, संत ज्ञानेश्वर और संत एकनाथ के साथ-साथ वारकरी समुदाय का भी अपमान किया।