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एशियन गेम्स 2023 में भारत ने इतिहास रचा था और पहली बार इन खेलों में 100 या इससे ज्यादा पदक हासिल किए थे। ऐसा ही कुछ एशियन पैरा गेम्स में भी होने जा रहा है। भारत इतिहास रचने की दहलीज पर है और पदकों की शतक लगाने के बेहद करीब पहुंच गया है। भारतीय पैरा एथलीट अब तक इस इवेंट में 99 पदक हासिल कर चुके हैं। जैसे ही शनिवार 28 अक्टूबर को एक और पदक भारत जीतेगा तो नया इतिहास लिखा जाएगा।
भारत एशियाई पैरा खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज करने के लिए तैयार है। देश शनिवार को हांगझोऊ में जारी प्रतियोगिताओं के अंतिम दिन पहली बार प्रतिष्ठित 100 पदकों के आंकड़े को पार करने के लिए तैयार है, जिसमें दिव्यांग एथलीटों से पैरा एथलेटिक्स, शतरंज और रोइंग स्पर्धाओं में कुछ और पदक जीतने की उम्मीद है। कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनसे पदक की उम्मीद देश को है और तभी नया रिकॉर्ड बनेगा।
नीरज यादव (भाला फेंक प्रतियोगिता F55) और दिलीप गावित (400 मीटर T47) पोडियम फिनिश करने के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, जबकि शतरंज में कनिश्री राजू प्रेमा (व्यक्तिगत रैपिड पी1) और किशन गंगोली (व्यक्तिगत रैपिड बी3) पदक के प्रबल दावेदार हैं। रोइंग में पीआर3 वर्ग में मिक्स्ड डबल्स स्कल्स टीम के पदक जीतने की संभावनाएं हैं। भारत के पैरा एथलीटों ने पहले ही सुनिश्चित कर दिया है कि देश एक ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाए।
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दरअसल, शुक्रवार 27 अक्टूबर तक भारत ने दिन की स्पर्धाओं के अंत तक कुल 99 पदक हासिल कर लिए हैं, जिनमें 25 गोल्ड, 29 सिल्वर और 45 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। भारत इस साल पदकों की सूची में गोल्ड के मामले में छठे स्थान पर है, लेकिन पदकों के मामले में चीन, जापान और ईरान के बाद चौथे स्थान पर है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ समय में भारतीय खिलाड़ियों ने किस तरह का विकास पैरा गेम्स में किया है।