हाइलाइट्स
रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित किया गया है.
उगते सूरज को जल देना सर्वोत्तम माना जाता है.
Raviwar ke Saral Jyotish Upay : रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित किया गया है. सूर्य देव ही एक प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाले देवता हैं, जिनकी पूजा आराधना से कुंडली में कमजोर सूर्य को मजबूती मिलती है और उस व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सफलता मिलती है. यदि आप नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तो आपको रोगों से भी मुक्ति मिलती है. सूर्य देव को हर व्यक्ति जल अर्पित कर सकते हैं, परंतु कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जब सूर्य देव को अर्घ्य नहीं देना चाहिए. वे कौन सी स्थितियां हैं जब सूर्य देव को अर्घ्य नहीं देना चाहिए? इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्डया.
सूर्य देव को जल चढ़ाने के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव को जल चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं. जिनके अनुसार सूर्य को अर्घ्य देने से मनुष्य के जीवन में आ रही परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं, बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं, उस व्यक्ति का समाज में मान सम्मान बढ़ता है और वह अपने क्षेत्र में झंडे तक गाढ़ सकता है.
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सूर्य को जल चढ़ाने के नियम
प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं और हमेशा उगते सूरज को अर्घ्य दें.
सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के कलश का इस्तेमाल करना चाहिए. इस कलश में जल, अक्षत, लाल फूल, मिश्री और एक चुटकी हल्दी मिलाकर अर्घ्य देना सर्वोत्तम माना गया है.
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किसे नहीं देना चाहिए अर्घ्य?
सूर्य देव को सभी को जल चढ़ाना चाहिए.
1. वे जातक ना चढ़ाएं जिनके परिवार में जन्म मृत्यु सूतक हो.
2. शैया पर लेटे रोगी.
3. रजस्वला स्त्री.
4. बिना स्नान किए वयक्ति जल न चढ़ाएं
बाकी हर किसी को चढ़ाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2023, 02:40 IST