Home Health क्या आई फ्लू से आंखों की रोशनी हो सकती है कम? डॉक्टर से समझें 3 जरूरी बातें

क्या आई फ्लू से आंखों की रोशनी हो सकती है कम? डॉक्टर से समझें 3 जरूरी बातें

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हाइलाइट्स

कंजक्टिवाइटिस की वजह से लोगों को विजन लॉस का खतरा नहीं होता है.
आई फ्लू से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोएं और आंखें न छुएं.

All About Conjunctivitis: आई फ्लू के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. तेज बारिश और बाढ़ की वजह से तमाम जगहों पर आई फ्लू का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. कम उम्र के बच्चे इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं. आई फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जिसे मेडिकल की भाषा में कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) कहा जाता है. एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन होता है, जो एक से दो हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि इसे लेकर लोगों के दिमाग में कई गलतफहमी भी हैं. कई लोग मानते हैं कि आई फ्लू की वजह से आईसाइट पर असर पड़ता है और नजर कमजोर हो सकती है. कुछ लोग इसे विजन लॉस से जोड़ देते हैं. आपको आई फ्लू से जुड़ी जरूरी बातें बता रहे हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉ. तुषार ग्रोवर कहते हैं कि कंजक्टिवाइटिस वायरल इंफेक्शन है, जिसकी वजह से लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं, उनमें से फ्लूड निकलने लगता है, खुजली होती है और सूजन आ जाती है. आंखों में लाइट सेंसिटिविटी और इरिटेशन की समस्या भी हो सकती है. कंजक्टिवाइटिस आंखों के लिए खतरनाक नहीं होता है. अधिकतर मामलों में यह अपने आप 10-15 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में टेंपररी तौर पर विजन में दिक्कत हो सकती है. हालांकि वह धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाती है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है.

ये 3 बातें जानना बेहद जरूरी

– आई स्पेशलिस्ट की मानें तो आई फ्लू यानी कंजक्टिवाइटिस से आईसाइट को कोई नुकसान नहीं होता है. अगर किसी को इसकी वजह से विजन में कोई परेशानी होती है, तो वह कुछ दिनों बाद अपने आप ठीक हो जाती है. इससे नजर कमजोर होने या अंधे होने का खतरा नहीं है.

– यह एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन है, जो कुछ दिनों में ठीक होना शुरू हो जाता है. यह संक्रमित व्यक्ति की आंखें देखने से नहीं फैलता है. यह इंफेक्शन संक्रमित व्यक्ति का तौलिया, रूमाल, बिस्तर या कपड़े इस्तेमाल करने से हो सकता है. सीधे संपर्क से भी यह संक्रमण फैल सकता है.

– आई फ्लू को ठीक करने के लिए किसी टैबलेट या ड्रॉप की जरूरत नहीं होती है. यह अपने आप ठीक हो जाता है. अगर आपको ज्यादा इरिटेशन हो रही है, तो आर्टिफिशियल टीयर और लुब्रिकेंट आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं. एंटीबायोटिक आई ड्रॉप डॉक्टर की सलाह के बाद ही आंखों में डालें.

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