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विश्व की नंबर 1 कंपाउंड तीरंदाज इस समय भारत की ज्योति सुरेखा वेन्नम हैं। उन्होंने हाल ही में आयोजित हुए एशियाई खेलों में असाधारण प्रदर्शन किया था, लेकिन इसके बावजूद इस साल मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए उन्हें नजरअंदाज किया गया। इस पर उन्होंने गहरी निराशा व्यक्त की है। यहां तक कि उन्होंने इसको लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी है। सुरेखा ने पिछले छह महीनों में कुल 13 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं, जिनमें एशियन गेम्स में जीते तीन स्वर्ण पदक भी शामिल हैं।
खेल रत्न पुरस्कार के लिए जो अंक मिलते हैं, वे बाकी सभी आवेदकों में सबसे अधिक हैं। सुरेखा के 148.74 अंक हैं, जिससे पुरस्कार के लिए उनका दावा और भी मजबूत हो गया है। हालांकि, खेल रत्न के लिए उनका नाम नहीं है तो उन्होंने खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से स्पष्टीकरण मांगा है। सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की शीर्ष बैडमिंटन पुरुष युगल जोड़ी को 12 सदस्यीय पुरस्कार चयन समिति ने खेल रत्न देने की सिफारिश की है।
पिछले छह महीनों में सुरेखा ने कुल 13 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं, जिनमें एशियन गेम्स में तीन स्वर्ण (व्यक्तिगत, टीम और मिश्रित टीम), विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और रजत, विश्व कप में चार स्वर्ण और दो कांस्य और एक एशियाई चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और एक रजत पदक शामिल है। 1 जनवरी 2019 से एशियाई/पैरा गेम्स 2023 के समापन तक इस चार साल की ओलंपिक चक्र अवधि में सुरेखा ने सात विश्व चैंपियनशिप पदक और तीन एशियाड स्वर्ण हासिल किए। उन्होंने 27 साल की उम्र तक 53 अंतरराष्ट्रीय पदक और 62 राष्ट्रीय पदक जीते हैं। बावजूद इसके उनको खेल रत्न नहीं मिलेगा।
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टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेखा ने खेल रत्न के मानदंडों के अनुसार अर्जित अंकों की कुल संख्या तक पहुंचने के लिए अपनी कैलकुलेशन की। उन्होंने कहा, “मेरे कुल 148.74 अंक हैं जो सभी आवेदकों में सबसे अधिक हैं और सात्विक और चिराग को दिए गए अंकों से कहीं अधिक हैं। एशियाड व्यक्तिगत स्वर्ण से मुझे 30 अंक मिले और मिश्रित टीम और महिला टीम स्वर्ण से मुझे क्रमशः 22.5 और 20 अंक मिले। मैंने 2023 विश्व चैंपियनशिप की महिला टीम के स्वर्ण से 13.33 अंक और उसी स्पर्धा में हासिल किए गए व्यक्तिगत कांस्य से 10 अंक अर्जित किए। फिर 2021 विश्व चैंपियनशिप में, मुझे व्यक्तिगत रजत के लिए 15 अंक, मिश्रित टीम रजत के लिए 11.25 और टीम रजत के लिए 10 अंक मिले। 2019 वर्ल्ड कप में, मुझे व्यक्तिगत कांस्य के लिए 10 अंक और टीम कांस्य के लिए 6.66 अंक मिले। ये सभी उपलब्धियां चार-वर्षीय पुरस्कार चक्र में आई हैं और इनकी कुल संख्या 148.74 अंक है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं इस अपमान से बहुत निराश और दुखी हूं। मेरा मानना है कि मेरी उपलब्धियां मेरे लिए बोलती हैं। मैं खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) और पुरस्कार चयन समिति से कारण जानना चाहती हूं कि सर्वाधिक अंक हासिल करने के बावजूद मेरे नाम पर खेल रत्न के लिए विचार क्यों नहीं किया गया?” जब टीओआई ने मंत्रालय और एसएआई अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्होंने खेल रत्न की लिस्ट से सुरेखा को बाहर करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। SAI के प्रवक्ता ने कहा, “हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।” सुरेखा ने कहा कि अगर उन्हें उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी। उन्होंने कहा, “मेरे पास वह विकल्प है, लेकिन वह आखिरी है। अदालत का दरवाजा खटखटाने से पहले मैं उन कारणों को जानना चाहती हूं कि मेरे नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया?”