Home Life Style घर में खटमल आना किस बात का है संकेत? क्या इसके पीछे छिपी होती है कोई चेतावनी, जानें ज्योतिषाचार्य से इसका जवाब

घर में खटमल आना किस बात का है संकेत? क्या इसके पीछे छिपी होती है कोई चेतावनी, जानें ज्योतिषाचार्य से इसका जवाब

0


Khatmal Ka Jyotish Arth: हर व्यक्ति चाहता है कि उसका घर साफ, शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ हो. लेकिन कई बार, लाख सफाई और देखरेख के बावजूद घर में कीड़े-मकोड़े आ जाते हैं. इन्हीं में से एक है खटमल. खटमल न सिर्फ नींद खराब करता है, बल्कि शरीर पर काटने से खुजली, एलर्जी और मानसिक तनाव भी देता है. यह कीड़ा गद्दों, बिस्तरों और दरारों में छिपकर हमारे शरीर से खून चूसता है, जिससे नींद में खलल और बेचैनी महसूस होती है. आमतौर पर खटमल को गंदगी का परिणाम माना जाता है, लेकिन कई बार यह बात पूरी तरह सही नहीं होती. कई साफ-सुथरे घरों में भी खटमल आ जाते हैं और यही वह संकेत है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खटमल का बार-बार आना कुछ गहरी ऊर्जा गड़बड़ियों और ग्रह दोषों की ओर इशारा करता है. यह संकेत करता है कि आपके जीवन या घर में कोई ऐसी शक्ति सक्रिय है, जो संतुलन को बाधित कर रही है. इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री अंशुल त्रिपाठी.

खटमल के आने का वास्तु शास्त्र में अर्थ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, खटमल जैसी नकारात्मक जीवों का घर में आना वहां मौजूद नकारात्मक ऊर्जा, वास्तु दोष, या ग्रहों के अशुभ प्रभाव का संकेत माना जाता है.

1. नकारात्मक ऊर्जा का संकेत
खटमल वहां जल्दी पनपते हैं जहां वातावरण भारी और ऊर्जा नकारात्मक होती है. अगर घर में लगातार तनाव, झगड़े, दुख, या बीमारियां बनी रहती हैं, तो यह घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है. ऐसे माहौल में खटमल तेजी से बढ़ते हैं.

2. दक्षिण दिशा में दोष
अगर आपके घर का दक्षिण भाग गंदा है या वहां भारी सामान गलत तरीके से रखा गया है, तो यह अग्नि तत्व को बिगाड़ता है. अग्नि तत्व के असंतुलन से कीटों का आना और विशेष रूप से खटमल का घर में पनपना तेज हो जाता है.

खटमल से जुड़ी समस्याओं के लिए ज्योतिषीय और वास्तु उपाय

1. नीम और कपूर का प्रयोग
खटमल को दूर करने के लिए नीम की सूखी पत्तियां और कपूर का धुआं नियमित रूप से घर में करना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा और कीट दोनों ही दूर रहते हैं.

2. हनुमान चालीसा का पाठ
राहु-केतु के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें. इससे घर की ऊर्जा शुद्ध होती है.

3. मुख्य द्वार पर समुद्री नमक
घर के मुख्य द्वार पर एक कटोरी में समुद्री नमक रखने से भी नकारात्मकता और कीट दूर रहते हैं. इसे हर सप्ताह बदलते रहना चाहिए.

4. लाल रंग की चादरें और तकिए बदलें
खटमल आमतौर पर गद्दों और चादरों में छिपते हैं. विशेष रूप से वास्तु में कहा गया है कि गंदे या फटे हुए कपड़े राहु के प्रभाव को बढ़ाते हैं. इसलिए साफ, हल्के रंग की चादरें प्रयोग करें और समय-समय पर बदलते रहें.



Source link