Friday, December 20, 2024
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झारखंड सरकार का फैसला! 61000 पारा शिक्षकों को मिलेगा ईपीएफ का लाभ, योजना जनवरी 2023 से प्रभावित


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झारखंड के 61 हजार सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) को ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ मिलेगा। 12 फीसदी राशि पारा शिक्षकों के मानदेय से कटेगी, जबकि 13 फीसदी राशि का वहन राज्य सरकार करेगी। एक जनवरी 2023 के प्रभाव से इसे लागू करने की तैयारी है। इससे जुड़े प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सोमवार को मंजूरी दी दी। शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद इसकी जानकारी दी। अब इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग की अनापत्ति ली जाएगी और उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी लेकर लागू किया जाएगा। 

सभी पारा शिक्षकों को एक समान ईपीएफ का लाभ मिलेगा। राज्य के पारा शिक्षकों को 16,500 रुपये से लेकर 22,500 रुपये तक मानदेय मिल रहा है। पारा शिक्षकों को 15 हजार के नियत मानदेय पर ही ईपीएफ का लाभ दिया जाएगा। इस मानदेय का 12 प्रतिशत यानी 1800 रुपये पारा शिक्षकों के मानदेय से कटेगा, जबकि 13 प्रतिशत राशि यानी 1950 रुपये सरकार देगी। इस तरह एक पारा शिक्षक का एक महीने में ईपीएफ में 3,750 रुपये जमा हो सकेगा। वर्तमान में ईपीएफ में ब्याज आठ फीसदी से ऊपर है और इसमें चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है।

सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का मिलेगा लाभ : पारा शिक्षकों को ईपीएफ की राशि जमा होने पर सेवानिवृत्ति के बाद पूरी जमा राशि सूद समेत वापस होगी। इसके साथ ही पेंशन का भी लाभ मिलेगा। अगर किसी पारा शिक्षक की उम्र 50 साल हो गयी है और 10 साल सेवा बाकी है, तो सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 2143 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। वहीं, अगर 20 साल सेवा बची हुई है, तो पेंशन के रूप में 4285 रुपये मिलेंगे। पेंशन का निर्धारण 15,000 का नियत वेतन को बची सेवा से गुणा करके किया जाएगा और उसे 70 से भाग दिया जाएगा। इसकी आधार निकलने वाली राशि पेंशन के रूप में दी जाएगी।

दो स्टॉलमेंट के बाद हुआ निधन तो आश्रित को पूरी पेंशन : पारा शिक्षक अगर 50 वर्ष के हैं और ईपीएफ में दो स्टॉलमेंट (3600 रुपये) भी जमा करते हैं और किसी कारणवश उनका निधन हो जाता है, तो उनकी बची 10 साल की सेवा को पूरी मानते हुए उसी समय से उनके आश्रित के लिए पूरी पेंशन शुरू की जाएगी। इसके अलावा निधन होने पर छह लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे।

3000 की वेतन विसंगति दूर, होंगे समायोजित : शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के करीब 3000 पारा शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने पर भी निर्णय लिया गया। वैसे पारा शिक्षक, जो पहली से पांचवीं के प्राथमिक स्कूल में कार्यरत हैं और वे छठी से आठवीं की शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास किये हैं, तो उन्हें मिडिल स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। वहीं, मिडिल स्कूल के ऐसे शिक्षक जो प्राथमिक के टेट में सफल हैं, वे उन स्कूलों में समायोजित होंगे। इसके साथ उन्हें टेट पास शिक्षक का मानदेय भी मिलने लगेगा।

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा, “राज्य के पारा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वित्त व कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। पारा शिक्षकों के वेतन की विसंगति भी दूर कर ली गई है। उनका समायोजन हो सकेगा। 10 फीसदी मानदेय की बढ़ोतरी के लिए जनवरी के अंत में आकलन परीक्षा ली जाएगी।”



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