Saturday, April 19, 2025
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नया संसद भवन देखकर पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा बोले- कभी सोचा नहीं था कि…


बेंगलुरु. संसद का कामकाज मंगलवार से नये भवन (New Parliament Building) से शुरू होने के बीच वरिष्ठतम सांसदों में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने अपने युवा साथियों को सलाह दी कि संसद का इस्तेमाल बहस के लिये किया जाये न कि विरोध के मंच के रूप में. साथ ही उन्होंने युवा साथियों से पूरी तैयारी के साथ सदन में सारगर्भित चर्चा के लिए आने को कहा. जनता दल सेक्युलर (जदएस) के शीर्ष नेता देवेगौड़ा (90) ने सुझाव दिया कि बड़े राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को राष्ट्र एवं उसके लोकतंत्र के तौर पर भारत की प्रगति में छोटे, क्षेत्रीय दलों तथा निर्दलीय सदस्यों के योगदान को स्वीकार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि संसद को कभी भी गरीबों, किसानों, दबे-कुचले वर्गों, अल्पसंख्यकों आदि को नहीं भूलना चाहिए और उम्मीद जतायी कि नयी संसद का 90 प्रतिशत समय उनकी जरूरतों एवं उनके विकास के विषय पर चर्चा में बीतेगा. कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य देवेगौड़ा ने एक बयान में कहा, ‘आज हम पुराने संसद भवन से नये संसद भवन में चले गये हैं. नये भवन में हम पुराने भवने की ढ़ेर सारी यादें ले जा रहे है, अपने महान लोकतंत्र की भावना भी नये भवन में ले जा रहे हैं.’

कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में इतने लंबे समय तक वह रहेंगे
कर्नाटक में मुख्यमंत्री और बाद में दिल्ली में प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में इतने लंबे समय तक वह रहेंगे, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अपने जीवनकाल में वह नया संसद भवन देखेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह राष्ट्र की सतत प्रगति और प्रगाढ़ होते उसके लोकतंत्र का संकेत है.’

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संसद का उपयोग बहस के लिए किया जाना चाहिए
देवेगौड़ा ने कहा, ‘नये भवन में चले जाने के मौके पर वरिष्ठतम सदस्यों में एक होने के नाते मैं अपने युवा साथियों से चार बातें कहना चाहूंगा.’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का उपयोग प्रदर्शन करने के मंच के तौर पर नहीं बल्कि बहस के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने पूरे विधायी करियर के दौरान वह एक बाद थोड़े समय के लिए सदन में आसन के पास चले गये थे और उन्हें अपने उस फैसले पर बड़ा अफसोस हुआ.

मैं पुस्तकालय में अध्ययन में अपना सारा समय बिताता था
उन्होंने सांसदों से कहा कि संसद के पुस्तकाल का उपयोग कीजिए. उन्होंने कहा, ‘अपने विधायी इतिहास को समझने का प्रयास कीजिए. जब मैं 1991 में दिल्ली आया था, मेरे मित्र नहीं थे, अभी भी अधिक नहीं है, तब मैं पुस्तकालय में अध्ययन में अपना सारा समय बिताता था. मैं जब 1962 में कर्नाटक विधानसभा में पहुंचा था , तब भी मैंने यही किया था. कृपया हमेशा तैयार होकर आइए. हमेशा सारगर्भित चर्चा होने दीजिए.’ भारत को बहुदलीय लोकतंत्र बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को राष्ट्र और उसके लोकतंत्र के तौर पर छोटे, क्षेत्रीय दलों एवं निर्दलीय सदस्यों के योगदान को स्वीकार करना चाहिए.

क्षेत्रीय दलों और विपक्ष का देश के लोकतंत्र की जीवंतता में बड़ा योगदान
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों और विपक्ष ने देश के लोकतंत्र की जीवंतता में बड़ा योगदान दिया है. देवेगौड़ा ने कहा, ‘सन् 1996 में मैंने 13 दलों की गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था और हमारा कामकाज खराब भी नहीं था. भारत की विविधता का प्रबंधन करना एक बड़े गठबंधन के प्रबंधन की तरह है. कई मायनों में भारत एक वृहद गठबंधन है. उस विविधता को पोषित करने के लिए हमें अत्यधिक धैर्य रखना होगा ’

Tags: HD Deve Gowda, New Parliament Building



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