Friday, April 25, 2025
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निर्जला एकादशी पर जल दान का है बड़ा महत्व, इन 5 बड़ी समस्याओं का होगा अंत!


निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून शुक्रवार को रखा जाएगा. निर्जला एकादशी का व्रत पूरे साल का सबसे महत्वपूर्ण व्रत है. जो व्यक्ति इस व्रत को कर लेता है, उसे साल की सभी 24 एकादशी के पुण्य का लाभ मिल जाता है. इस व्रत में जल ग्रहण नहीं करते हैं, लेकिन जल का दान करना उत्तम माना जाता है. यदि आप निर्जला एकादशी के दिन कलश से भरा हुआ जल का दान करते हैं तो आपके जीवन की 5 बड़ी समस्याओं का अंत हो सकता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी ति​थि को होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि निर्जला एकादशी पर जल दान करने का क्या महत्व है?

निर्जला एकादशी पर जल दान के फायदे
1. निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखकर जल का दान करने से धन का संकट दूर होता है.
2. इस दिन जल का दान करने वाले व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिल सकती है.
3. यदि आपके घर में क्लेश, अशांति मची रहती है तो निर्जला एकादशी पर विष्णु पूजा के बाद जल का दान करें.
4. पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी निर्जला एकादशी पर जल का दान कर सकते हैं.
5. कुंडली के चंद्र दोष को दूर करने के लिए आप निर्जला एकादशी पर जल दान करें. ज्योतिष में चंद्रमा को जल का प्रतीक मानते हैं.

निर्जला एकादशी पर जल दान करने की विधि
निर्जला एकादशी के अवसर पर आप व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प करें. शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करें. उसके बाद मिट्टी के कलश को साफ करके उसमें स्वच्छ जल भर लें. फिर उस जल कलश को किसी ब्राह्मण को दान कर दें.

ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी में नहीं करते अन्न-जल ग्रहण, लेकिन 2 बार कर सकते हैं पानी का उपयोग, जानें व्रत के नियम

जो लोग व्रत नहीं रख सकते हैं, वे लोग भी निर्जला एकादशी के दिन पूजा पाठ करके जल का दान कर सकते हैं. आपको जल का पुण्य लाभ प्राप्त हो सकता है. इस दिन आप पानी के बोतल राहगीरों को दे सकते हैं या अपने घर या कार्यालय के बाहर ठंडे पानी का मटका रखवा सकते हैं. इस दिन आप पशु और पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था कर सकते हैं.

निर्जला एकादशी पर जल दान का महत्व
निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह में आती है, उस समय सूर्य का तेज प्रचंड होता है. गर्मी इतनी होती है कि गिला कपड़ा दो मिनट में सूख जाए. इस समय में पशु, पक्षी, मनुष्य सभी को पानी की आवश्यकता होती है. सनातन धर्म में किसी को पानी पिलाना पुण्य का काम माना जाता है. पानी पिलाने से जीवों की आत्मा तृप्त होती है, जिसके फलस्वरूप वह प्रसन्न होकर पानी पिलाने वाले व्यक्ति को आशीर्वाद देती है. उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. आप चाहें तो पूरे ज्येष्ठ माह में जल का दान कर सकते हैं, यदि आपके लिए प्रतिदिन संभव न हो तो कम से कम निर्जला एकादशी को जल दान करें.

ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी कब है? इस एक व्रत से मिलेगा सभी एकादशी का पुण्य, जानें तारीख, मुहूर्त, पारण समय

निर्जला एकादशी मुहूर्त 2025
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ: 6 जून, शुक्रवार, 2:15 एएम से
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि का समापन: 7 जून, शनिवार, 4:47 एएम पर
रवि योग: 5:23 एएम से 6:34 एएम तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:52 एएम से 12:48 पीएम तक
निर्जला एकादशी व्रत पारण: 7 जून, 01:44 पीएम से 04:31 पीएम के बीच



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