Home National न्यूज18 के सर्वे में 83.10% लोगों ने माना, पिछले 10 वर्षों में अधिक लोकतांत्रिक हुए ‘पद्म पुरस्कार’

न्यूज18 के सर्वे में 83.10% लोगों ने माना, पिछले 10 वर्षों में अधिक लोकतांत्रिक हुए ‘पद्म पुरस्कार’

0
न्यूज18 के सर्वे में 83.10% लोगों ने माना, पिछले 10 वर्षों में अधिक लोकतांत्रिक हुए ‘पद्म पुरस्कार’

[ad_1]

न्यूज18 ने अपने कॉनक्लेव ‘राइजिंग इंडिया समिट 2023’ के दौरान एक ऑनलाइन सर्वे किया था. इस सर्वे में इंस्टाग्राम और ट्विटर पर लोगों से 2 प्रश्नों पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी. पहला प्रश्न था, ‘क्या आपको लगता है कि #PadmaAwards जैसे राजकीय सम्मान पिछले एक दशक में अधिक लोकतांत्रिक हो गए हैं? क्या अधिक सामान्य भारतीय अनुकरणीय कार्य के लिए पहचान पा रहे हैं?’ दूसरा सवाल था, ‘क्या सरकार की नीतियां भारत को मैन्युफैक्चरिंग सुपरपावर बना सकती हैं?’ लोगों को 4 विकल्प दिए गए थे, 1. हां, 2. कुछ हद तक, 3. नहीं और 4. कह नहीं सकते. ‘न्यूज18 राइजिंग इंडिया समिट 2023’ का प्रेजेंटेशन पूनावाला फिनकॉर्प द्वारा, हिंदुस्तान टाइम्स के साथ साझेदारी में, RIL, डिजिटल पार्टनर हैवेल्स और सोशल इनोवेशन पार्टनर M3M फाउंडेशन के सहयोग से हुआ. इसके तीसरे संस्करण का आयोजन गत 29 और 30 मार्च को दिल्ली के ताज पैलेस में हुआ था.

इन दोनों सवालों पर लोगों ने बढ़ चढ़कर अपना मत प्रकट किया है, जिसका परिणाम हम आपको बता रहे हैं. पहले इंस्टाग्राम पर दोनों सवालों के जवाब में आई लोगों की प्रतिक्रिया के बारे में जानते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर 50% लोगों का मानना है कि पिछले एक दशक में पद्म पुरस्कार जैसे नागरिक सम्मान बहुत अधिक लोकतांत्रिक हुए हैं और आम भारतीयों को इन पुरस्कारों के जरिए अपने अनुकरणीय काम के लिए सम्मान और पहचान पा रहे हैं. इंस्टा पर 19 फीसदी लोगों ने माना कि पद्म पुरस्कार गत 10 वर्षों में कुछ हद तक लोकतांत्रिक हुए हैं, 16% लोगों की राय रही कि पद्म अवॉर्ड्स डेमोक्रेटिक नहीं हुए हैं. वहीं 15 फीसदी ने ‘कह नहीं सकते’ विकल्प पर अपना वोट दिया.

ट्विटर की बात करें तो, 83.10% लोगों ने कहा कि हां, बीते एक दशक में पद्म पुरस्कार अधिक लोकतांत्रिक हुए हैं और आम लोगों को पहचान मिल रही है. 2.80% फीसदी ने ‘कुछ हद तक’ विकल्प को चुना. वहीं, 9.90% लोगों की राय रही कि पद्म पुरस्कार बीते 10 वर्षों में लोकतांत्रिक नहीं हुए हैं, 4.20% लोगों ने कहा कि वे इस बारे में ‘कुछ कह नहीं सकते’. न्यूज18 के सर्वे का दूसरे सवाल था, ‘क्या सरकार की नीतियां भारत को मैन्युफैक्चरिंग सुपरपावर बना सकती हैं? जिसे सिर्फ ट्विटर पर पोस्ट किया गया था और लोगों को 3 विकल्प दिए गए थे, 1. हां, 2. कह सकते हैं, 3. सुधार की जरूरत है. इस सवाल के जवाब में 57.90% लोगों ने माना कि सरकार की मौजूदा नीतियां भारत को मैन्युफैक्चरिंग सुपरपावर बना सकती हैं. 10.50% लोगों ने ‘कह सकते हैं’ विकल्प को चुना, और 31.60% लोगों ने माना कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग सुपरपावर बनाने के लिए मौजूदा नीतियों में सुधार की जरूरत है.

(डिस्क्लेमर – नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)

Tags: News18 Rising India Summit, Padma awards, Rising India

[ad_2]

Source link