वड़ोदरा. भरूच जिला प्रशासन के 200 से अधिक कर्मचारियों ने एमबीबीएस की छात्रा आलियाबानू पटेल की दूसरे सेमेस्टर की 4 लाख रुपये की फीस भरने में मदद करने के लिए अपने एक दिन का वेतन दान कर दिया. इन कर्मचारियों में जिला कलेक्टर तुषार सुमेरा भी शामिल हैं. आलियाबानु, जिनके पिता नेत्रहीन हैं, ने 12वीं कक्षा में 79.80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद पिछले साल वड़ोदरा के पारुल विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था. चूंकि उसे अपनी शिक्षा जारी रखने में वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसलिए उसने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और जिला प्रशासन को सहायता के लिए एक पत्र लिखा था. हालांकि, छात्र और उसके पिता को पिछले साल एक कार्यक्रम में पीएम मोदी द्वारा मदद का आश्वासन दिया गया था.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पिछले साल 12 मई को, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के लिए एक कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने भरूच जिले के वागरा तालुका के रहने वाले दृष्टिबाधित अय्यूब पटेल (आलियाबानू के पिता) से बातचीत की थी. वह केंद्र सरकार की राष्ट्रीय वृद्ध पेंशन योजना के लाभार्थियों में से एक थे. पटेल अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ भरूच के दूधधारा डेयरी ग्राउंड में आयोजित ‘उत्कर्ष पहल’ कार्यक्रम में मौजूद थे. उस समय, अय्यूब ने ग्लूकोमा के कारण अपनी दृष्टि खोने के बारे में प्रधानमंत्री से बात की थी. पीएम मोदी ने अय्यूब से उनके बच्चों के बारे में पूछताछ की, तो उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी आलियाबानू का जिक्र किया. संयोग से उसी दिन कक्षा 12 के परिणाम भी घोषित हुए थे. आलिया को पीएम मोदी से बात करने का मौका मिला, जिन्होंने उन्हें परीक्षा पास करने की बधाई भी दी.
अपने करियर के बारे में पूछे जाने पर, आलियाबानू ने पीएम मोदी को बताया कि उनके पिता की आंखों की रोशनी चले जाने के बाद वह डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखती है. इसके बाद पीएम मोदी ने सीएम पटेल से कहा था कि अगर उनकी बेटी को उसके लक्ष्य का पीछा करने में कोई चुनौती पेश आती है, तो उनसे संपर्क करें. सोमवार को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए, आलियाबानू पटेल ने कहा, ‘मैं एक नेत्र रोग विशेषज्ञ बनना चाहती हूं. मेरे पिता वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे थे, और हमें याद आया कि पीएम मोदी ने हमसे कहा था कि वह हमारी मदद करने के लिए तैयार हैं. इसलिए, हमने उन्हें और जिला कलेक्टर को लिखा और आर्थिक मदद मांगी. मैं उनके समर्थन के लिए पीएम मोदी और जिला कलेक्टर की बहुत आभारी हूं.
अय्यूब पटेल ने बताया, ‘दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों से पैसे उधार लेकर पहले सेमेस्टर की फीस (आलिया के लिए) और अन्य शुल्क के लिए मैंने 7.70 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है. मैंने एक निजी बैंक से 5 लाख रुपये का कर्ज लिया था. मुझे वर्ल्ड भरूच वोहरा फेडरेशन से भी 1 लाख रुपये मिले.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पहला सेमेस्टर मई में समाप्त होता है और हमें जून से पहले दूसरे सेमेस्टर की फीस जमा करनी होती है. मैंने पीएम, सीएम और जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अपनी बेटी की फीस भरने के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. मैंने जनवरी में मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना छात्रवृत्ति योजना के लाभ के लिए आवेदन किया था और अभी भी उसका इंतजार कर रहा हूं.’ अय्यूब की भरूच में एक दुकान है जिसे उसने 10,000 रुपये प्रति माह किराए पर दिया हुआ है.
पत्र मिलने के बाद, जिला कलेक्टर सुमेरा ने अपने सहयोगियों को सहयोग करने के लिए कहा. उन्होंने बताया, ‘भरूच राजस्व विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों ने इस नेक काम के लिए अपने एक दिन का वेतन दान किया. राशि एक बैंक में जमा की गई थी.’ चेक शनिवार (13 मई) को आलियाबानू को सौंप दिया गया. सुमेरा ने कहा, ‘हम अलग से एक अन्य व्यवस्था करने की भी योजना बना रहे हैं ताकि अय्यूब भाई आने वाले सालों में अपनी बेटी की फीस जमा कर सकें.’
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FIRST PUBLISHED : May 16, 2023, 07:44 IST